Uttarkashi Tunnel Rescue: फोन, ड्राई फ्रूट्स और अब भेजा खाना, 9 दिन बाद टनल में फंसे मजदूरों से सीधा हुआ कनेक्शन

| Updated: Nov 21, 2023, 07:15 AM IST

Uttarkashi Tunnel Collapse

Uttarkashi Tunnel Rescue Latest Update: उत्तरकाशी के 2 किमी लंबी सुरंग में फंसे मजदूरों का मनोबल बनाए रखने का हर तरह प्रयास किया जा रहा है. मजदूरों के लिए फोन, ड्राई फ्रूट्स, खाना और दवाइयां भेजी जा रही हैं.

डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों की जिंदगी दांव पर लगी है. रेस्क्यू ऑपरेशन चलते आज 10 दिन हो गए हैं लेकिन श्रमिकों को निकालने में अभी तक कामयाबी नहीं मिल सकी है.  हालांकि, इस बीच अच्छी खबर यह है कि बचावकर्मियों को सुरंग के अंदर ड्रिलिंग कर मलबे के आरपार 53 मीटर लंबी 6 इंच पाइप डालने में कामयाबी मिल गई है. इसकी वजह से 9 दिन बाद पहली बार मजदूरों को खाना पहुंचाया जा सका है. 2 किमी लंबी सुरंग में फंसे मजदूरों का मनोबल बनाने और उनकी सेहत का हर ख्याल रखा जा रहा है. इससे पहले मजदूरों के लिए फोन,  ड्राई फ्रूट्स और दवाइयां भेजी गई थीं.

मजदूरों के लिए लाइफ लाइन कही जा रही इस पाइपलाइन के जरिए अब दलिया और खिचड़ी भी भेजी जा सकेगी. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने कहा कि पिछले कई दिनों से चल रहे बचाव अभियान में यह पहली कामयाबी है. हमने मलबे के दूसरी ओर तक 53 मीटर की पाइप भेज दी है और (अंदर फंसे) श्रमिक अब हमें सुन सकते हैं और महसूस कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगला कदम इससे ज्यादा महत्वपूर्ण और सर्वाधिक महत्वपूर्ण है-और वह है उन्हें सुरक्षित और प्रसन्न बाहर निकालना.

रोबोट की ली जा रही मदद
सुरंग से मजदूरों को बाहर निकालने के अन्य रास्तों की संभावना खोजने के लिए अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) से ड्रोन और रोबोट भी लाए गए हैं. मलबे को भेदे जाने के दौरान अमेरिकी आगर मशीन के शुक्रवार दोपहर किसी कठोर सतह से टकराने के बाद क्षैतिज ड्रिलिंग रोक दी गई थी लेकिन यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इसे शाम को शुरू किया जाना प्रस्तावित है. पहाड़ी के ऊपर से ड्रिलिंग करके संभवत: करीब 80 मीटर गहरे वर्टिकल बचाव शाफ्ट के निर्माण के लिए पहली मशीन भी सुरंग तक पहुंच गई है.

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उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा कि पाइपलाइन में जरिए कैमरा भेजना का प्लान हो रहा है जिससे श्रमिकों की लाइव स्थिति देखी जा सके. बचावकर्मी और सुरंग के अंदर फंसे हुए लोग एक दूसरे से अब भी बातचीत कर रहे हैं और श्रमिकों के रिश्तेदारों की भी उनसे बात कराई जा रही है. 6 इंच व्यास का पाइप एक बड़ी कामयाबी है. उन्होंने कहा कि एक 'एंडोस्कोपी जैसा' कैमरा दिल्ली से जल्द आने वाला है जिसे 'लाइफलाइन' के जरिए अंदर भेजा जाएगा और बचावकर्मी और फंसे हुए लोग एक दूसरे को देख सकेंगे. उन्होंने कहा कि इस बात का अध्ययन किया जाएगा कि मौके पर लाए गए रोबोट सुरंग के अंदर फिसलनभरी और असमान सतह में काम कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि ड्रोन द्वारा ली गयी तस्वीरें अंदर बहुत धूल होने के कारण साफ नहीं आई हैं.

हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
बता दें कि 12 नवंबर को दीवाली वाले दिन यह हादसा हुआ था. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसमें पिछले एक सप्ताह से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए जारी बचाव अभियान और उपायों पर सोमवार को राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों से 48 घंटों के अंदर जवाब देने को कहा. उच्च न्यायालय का यह निर्देश देहरादून स्थित गैर सरकारी संगठन समाधान द्वारा इस संबंध में दायर जनहित याचिका पर आया है. उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को अदालत में अपना जवाब 48 घंटों के अंदर दाखिल करने को कहा है.

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