डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर आज चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित (Uday Umesh Lalit) के कार्यकाल का अंतिम दिन था. कल वे रिटायर हो रहे हैं और कल अवकाश हैं. ऐसे में आज उन्हें फेयरवेल दिया गया. इस दौरान चीफ जस्टिस यू यू ललित (UU Lalit) ने अदालती कार्यवाही पर अहम बातें कहीं और वे अपने कार्यकाल को लेकर भावुक भी हुए. इतना ही नहीं, उन्होंने आज अपने कुछ महत्वपूर्ण काम भी निपटाएं हैं.
अपने फेयरवेल के अवसर पर यू.यू. ललित भावुक हो गए. उन्होंने बार के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, "इस अदालत में मेरी यात्रा कोर्ट 1 में शुरू हुई. मैं यहां एक मामले का उल्लेख करने आया था जिसे मैं सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ के समक्ष पेश कर रहा था. मेरी यात्रा अब यहां समाप्त होती है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. मैंने अपने कार्यकाल की शुरुआत से लेकर अब तक 10,000 से अधिक मामलों को निपटाया है और इसके अलावा हमने 13,000 मामलों को निपटाया है जिनमें काफी समय से कुछ न कुछ खामियां थीं."
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अपने विदाई भाषण के दौरान चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित ने कहा, "मैंने लगभग 37 वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की है लेकिन मैंने कभी भी दो संविधान पीठों को एक साथ बैठे नहीं देखा लेकिन, चीफ जस्टिस बनने के बाद विशेष दिन पर तीन संविधान पीठ बैठीं. यह वह दिन भी था जब हमने लाइव-स्ट्रीमिंग शुरू की. इसलिए मैं बड़ी उपलब्धि और संतुष्टि की भावना के साथ यहां से जा रहा हूं." सीजेआई ललित ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी न्यायाधीशों को संविधान पीठ में रहने का अवसर मिले और न्यायपालिका की विश्वसनीयता बनी रहे.
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चीफ जस्टिस ने कहा, "मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट का जज किसी भी चीज के लिए अच्छा होता है और इस तरह वे सभी संविधान पीठ का हिस्सा हो सकते हैं." प्रथा के अनुसार, इस बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा अगले सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी भी थे, जो जस्टिस ललित के नेतृत्व वाली अंतिम डिवीजन बेंच के सदस्य थे. यूयू ललित ने अपने कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कामों को तेजी से करने पर विशेष बल दिया था जिसका फायदा भी देखने को मिला है.
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