वडोदरा लोकसभा सीट गुजरात की महत्त्वपूर्ण सीटों में से एक है. 2014 के चुनाव में इस सीट से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव जीता था. यह अलग बात है कि वाराणसी संसदीय क्षेत्र से भी जीतने की वजह से उन्होंने वडोदरा सीट खाली कर दी थी. इस बार 2024 के आम चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी ने हेमांग योगेशचंद्र जोशी को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने जशपालसिंह पढियार पर दांव खेला है. वडोदरा संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 7 सीटें शामिल हैं. ये सीटें हैं - सावली, वाघोडिया, वडोदरा शहर, सयाजीगंज, अकोटा, रावपुरा और मांजलपुर. वडोदरा लोकसभा सीट पर 7 मई 2024 को मतदान होना है.
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हालांकि बीजेपी ने वडोदरा सीट पर मौजूदा सांसद रंजनबेन भट्ट के चुनावी रेस से हटने के बाद बिल्कुल युवा कैंडिडेट हेमांग योगेशचंद्र जोशी को अपना उम्मीदवार बनाया है. हेमांग जोशी अभी महज 33 वर्ष के हैं. लेकिन उनका दावा है कि वे इस सीट पर 10 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज करेंगे. वैसे, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स बतलाती हैं कि गुजरात की कई सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों को कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. वडोदरा भी ऐसी ही सीट है. इस सीट पर सावली के विधायक केतन इनामदार के समर्थक विरोध कर रहे हैं. वे वॉट्सएप ग्रुप पर 'I support Ketan Inamdar' अभियान चला रहे हैं.
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2019 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के रंजनबेन भट्ट ने वडोदरा लोकसभा सीट जीती थी. उन्हें कुल 883719 वोट मिले थे. इस चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के प्रशांत पटेल रहे थे. वडोदरा संसदीय क्षेत्र के 294542 वोटरों ने उनका समर्थन किया था. इस तरह बीजेपी के रंजनबेन भट्ट ने 5 लाख 89 बजार 177 वोटों के भारी अंतर से यह चुनाव जीत लिया था. इस चुनाव में कुल 1794896 मतदाताओं ने वोट किया था. इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 872170 थी जबकि पुरुष वोटर 922593. 2011 की जनगणना के मुताबिक, वडोदरा जिले की जनसंख्या लगभग 41.5 लाख है. इसकी 78.92 फीसदी जनसंख्या साक्षर है जिसमें पुरुष साक्षरता दर 85.39 फीसदी और महिला साक्षरता दर 72.03 फीसदी है.
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