वलसाड संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए सुरक्षित सीट है. वलसाड सीट पर 1957 में पहली बार चुनाव हुए थे. इसमें कांग्रेस के नानुभाई पटेल की जीत हुई थी. 1991 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा. 1996 में यहां से पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की. 1999 तक मनीभाई चौधरी की जीत का सिलसिला जारी रहा. 2004 और 2009 में यहां कांग्रेस के किशन भाई ने जीत हासिल की थी. 2014 से अबतक इस सीट पर बीजेपी के केसी पटेल जीत दर्ज करते रहे हैं. इस बार यहां का चुनाव रोमांचक हो सकता है. वलसाड लोकसभा सीट के लिए 7 मई 2024 को मतदान होना है.
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दरअसल, वलसाड लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पिछले दो बार से सांसद रहे केसी पटेल का टिकट काटकर धवल पटेल को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन वलसाड के बीजेपी कार्यकर्ता धवल पटेल की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं. ये कार्यकर्ता धवन के खिलाफ बैनर लगा रहे हैं. उनकी मांग है कि वलसाड सीट के लिए किसी और उम्मीदवार खड़ा किया जाए. इसके लिए कार्यकर्ताओं ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पीएम नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर कहा गया है कि उम्मीदवार बदला जाए वरना वलसाड में अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे. हालांकि, बीजेपी ने क्लियर कर दिया है कि वह उम्मीदवार बदलने नहीं जा रही. वलसाड सीट पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की नाराजगी का लाभ कांग्रेस को मिल सकता है, जिसने इस बार अनंतभाई पटेल पर दांव खेला है.
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2019 के आम चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के डॉ केसी पटेल को वोटरों ने बतौर सांसद चुनाव था. केसी पटेल को कुल 771980 वोट मिले थे. इस चुनाव में केसी पटेल के निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उम्मीदवार चौधरी जीतूभाई हरजीभाई थे, जिन्हें कुल 418183 वोट मिले थे. इस तरह केसी पटेल 353797 वोटों के अंतर से यह चुनाव जीत गए थे. 2019 के इस चुनाव में वलसाड संसदीय क्षेत्र कुल मतदाता 1671030 थे. इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 817833 थी जबकि पुरुष वोटरों की कुल संख्या 853183. वलसाड संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 7 सीटें शामिल हैं. ये सीटें हैं - डांग, वलसाड, उमरगांव, वांसडा, पर्डी, धरमपुर और कपराडा.
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