Vande Bharat Express Accident: क्यों कमजोर है वंदे भारत एक्सप्रेस का फ्रंट, समझिए आधुनिक ट्रेन के डिजाइन में क्या है दिक्कत?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 29, 2022, 05:15 PM IST

Vande Bharat Express: वंदे भारत एक्सप्रेस आज एक बार फिर दुर्घटनाग्रस्त हुई है जिसमें ट्रेन का फ्रंट बुरी तरह डैमेज हुआ है.

डीएनए हिंदी: बुलेट ट्रेन की तर्ज पर भारत में वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) नाम से ट्रेन-18 का संचालन किया जा रहा है. ट्रेन की स्पीड और सुविधाएं लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं लेकिन ट्रेन से मवेशियों के टकराने पर कई तरह की दुर्घटनाओं की खबरें सामने आती रही है. मुंबई से गांधी नगर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस कुछ दिनों पहले दुर्घटनाग्रस्त हुई थी और आज सांड ट्रैक पर आने की वजह से फिर ट्रेन का फ्रंट टूट गया है जिसके चलते ट्रेन की सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए हैं. 

इस हादसे को लेकर भारतीय रेलवे ने बयान जारी किया है और कहा है कि सांड के साथ हुई टक्कर में मुंबई से गांधीनगर जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है. टक्कर में सिर्फ ट्रेन का फ्रंट पैनल क्षतिग्रस्त पहुंचा है. ट्रेन सुचारू रूप से चल रही है. रेलवे ने कहा है कि इस पर जल्द से जल्द ध्यान दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार ट्रेन के आने से मवेशियों के एक झुंड में भगदड़ मच गई थी, जिसकी वजह से झुंड में शामिल एक सांड की ट्रेन के साथ टक्कर हो गई और ट्रेन का फ्रंट टूट गया. 

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लोगों ने उठाए हैं सवाल

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या होता है कि जिस ट्रेन को देश की सबसे प्रीमियम ट्रेन कहा जा रहा है वही ट्रेन एक जानवर के टकराने पर टूट जाती है. इसको लेकर लोग सोशल मीडिया पर सरकार और भारतीय रेलवे को खूब ट्रोल करते नजर आए हैं. इस ट्रेन के हादसे का शिकार होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक का मजाक उड़ाया गया है.

डिजाइन में नहीं है कोई खामी

इस मामले में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के प्रोजेक्ट से जुड़े रेलवे के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि इसके अगले हिस्से, जिसे नोज कोन (Nose Cone) भी कहते हैं को टक्कर होने पर टूटने के लिए ही बनाया गया है. ये इसकी डिजाइन में किसी तरह की चूक नहीं, बल्कि योजना का हिस्सा है.

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क्यों बनाया है ऐसा फ्रंट डिजाइन

अब जब डिजाइन को लेकर रेलवे के अधिकारी इतने संतुष्ट हैं तो सवाल यह भीू उठता है कि आखिर इस डिजाइन को ऐसा बनाने की वजह क्या थी. इस पर अधिकारी ने बताया है कि रेलवे को पहले से पता था कि इस तरह के हादसे हो सकते हैं. इसीलिए जहां भी वंदे भारत की रैक भेजी जाती है, वहां नोज कोन के अतिरिक्त सेट भी पहले से ही भेजे जाते हैं ताकि दुर्घटना के बाद इन्हें स्थानीय डिपो में बदला जा सके. 

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