Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में इस जगह पूजा कर पाएंगे हिंदू, वाराणसी कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

Written By रईश खान | Updated: Jan 31, 2024, 04:10 PM IST

Gyanvapi Case

Gyanvapi Case: सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा पाठ करता था, लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार के आदेश पर पूजा बंद कर दी गई थी.

डीएनए हिंदी: वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा-पाठ करने का अधिकार दे दिया है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इस जगह हिंदू पक्ष की ओर से पूजा-पाठ करने की इजाजत मांगी गई थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक ज्ञानवापी के इस तहखाने में पूजा-पाठ करता था, लेकिन तब तत्कालीन राज्य सरकार के आदेश पर यहां पूजा बंद कर दी गई थी.

हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है. उन्होंने बताया कि प्रशासन 7 दिन के अंदर पूजा-पाठ कराने की व्यवस्था करेगा और पूजा कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा. मदन मोहन ने बताया कि ज्ञानवापी के सामने बैठे नंदी महाराज के सामने से रास्ता खोला जाएगा.

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हाईकोर्ट में चुनौती देगा मुस्लिम पक्ष
ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा का अधिकार मिलने पर मुस्लिम पक्ष का भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि ASI के रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है, वाराणसी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हम हाईकोर्ट जाएंगे. बता दें कि मंगलवार को इस मामले में हिंदू और मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें पेश की गई थीं. हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश के साथ पूजा-पाठ करने का अधिकार मांगा था. जिस पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई थी.

1993 में पूजा पाठ हो गई थी बंद
दिसंबर 1993 में तत्कालीन यूपी सरकार ने मौखिक आदेश पर ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा पाठ पर रोक लगा दी थी और उस एरिया को सील कर दिया था. बाद में इस जगह पर लोहे की बैरिकेडिंग लगा दी गई थी. जिसकी वजह से वहां आना-जाना बंद हो गया था. पिछले साल जब ज्ञानवापी में स्थित शृंगार गौरी में पूजा-पाठ समेत कई मामले दाखिल हुए तो सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र व्यास ने भी अदालत से गुहाल लगाई थी.

शैलेंद्र व्यास ने याचिका में कहा कि 1993 में तक तहखाने में पूजा पाठ होती थी, लेकिन बाद में बंद कर दी गई. उन्होंने कोर्ट से मांग की कि डीएम की निगरानी में तहखाने में फिर से पूजा पाठ की अनुमति दी जाए. वर्तमान में यह तहखाना अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पास है.

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