डीएनए हिंदी: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में किए गए सर्वे की रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने सोमवार को जिला कोर्ट में पेश कर दी. मस्जिद के तहखाने में क्या-क्या मिला इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है. एएसआई ने सफेद रंग के सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट को पेश किया. यह रिपोर्ट 1500 से ज्यादा पेज की है, जिसमें 250 से ज्यादा के साक्ष्य पेश किए गए. इस मामले में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी. इस दिन पक्षकारों को सर्वे की रिपोर्ट की कॉपी सौंपी जाएगी.
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने अपने अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव के जरिए ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में वाराणसी की जिला अदालत में दाखिल कर दी है. यादव ने बताया कि रिपोर्ट पेश किए जाने के पहले आज मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने जिला न्यायाधीश की अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में प्रस्तुत की जाए और किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाजत न दी जायें.
एएसआई ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण वहां पहले से मौजूद किसी हिंदू मंदिर के ढांचे पर किया गया था?
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करीब 100 दिन तक चला था सर्वे
ASI ने वाराणसी जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई के आदेश के अनुसार, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में करीब 100 दिनों तक सर्वे किया गया था. इस दौरान दोनों पक्षों के लोग एएसआई साइंटिस्ट के साथ रहे. पूरे सर्वे की वीडियोग्राफी की कराई गई थी. कोर्ट में जमा की गई इस रिपोर्ट के खुलने के बाद पता चलेगा कि ज्ञानवापी परिसर में आखिर क्या था?
मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला अदालत के इस आदेश को 4 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी थी. लेकिन सर्वोच्च अदालत ने एएसआई को 'वजुखाना' क्षेत्र को छोड़कर बाकी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया था.
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