डीएनए हिंदी: Varun Gandhi News- भाजपा विरोधी तेवर दिखा रहे सांसद वरुण गांधी के कांग्रेस से जुड़ने की खबरें उड़ रही हैं. भाजपा के ही कई नेता कह रहे हैं कि वरुण गांधी कांग्रेस में जा रहे हैं. हालांकि इन अटकलों पर फिलहाल राहुल गांधी ने वरुण की विचारधारा पर सवाल उठाते हुए विराम लगा दिया है, लेकिन साथ ही राहुल ने यह भी कहा है कि मैं उन्हें (वरुण को) गले लगा सकता हूं. ऐसे में माना यह जा रहा है कि आगे चलकर राहुल भी वरुण को कांग्रेस में एंट्री देने के लिए तैयार हो सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि वरुण के वे कौन से बयान हैं, जो राहुल को उन्हें कांग्रेस में शामिल करने से रोक रहे हैं.
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'हिंदुओं की तरफ बढ़ने वाला हाथ काट दूंगा'
वरुण गांधी ने मार्च 2009 में पीलीभीत लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि वे हिंदुओं की तरफ बढ़ने वाला हर हाथ काट डालेंगे. उन्होंने कहा था कि अगर कोई सोचता है कि हिंदू नेतृत्वविहीन है तो मैं गीता की कसम खाकर कहता हूं कि हिंदुओं की तरफ बढ़ने वाला हर हाथ काट डालूंगा.
'चांटा मारने वाले के सामने दूसरा गाल करना बेवकूफी'
वरुण गांधी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रसिद्ध टिप्पणी पर भी सवाल खड़े कर दिए थे. वरुण ने कहा था कि अगर आप गाल पर चांटा मारने वाले के सामने दूसरा गाल करते हैं तो मैं इसे बेवकूफी मानता हूं. ऐसे आदमी के हाथ काट दो ताकि वो किसी दूसरे को भी चांटा ना मार सके.
'15-20 साल पहले गोबर उठाता था मुलायम परिवार'
वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की फैमिली को लेकर भी विवादित बयान दिया था. वरुण ने कहा था कि 15-20 साल पहले तक ये लोग सैफई में गोबर के कंडे उठाते थे. आज 5-5 करोड़ की गाड़ियों में दादा के पैसे से नहीं जनता को लूटकर घूम रहे हैं.
'रामभक्तों का खून बहाने वालों को जिताओगे'
वरुण ने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ प्रचार करते हुए कहा था कि अयोध्या में रामभक्तों का खून बहाने वालों को कैसे भूल सकते हैं. इस गठबंधन के लोग पाकिस्तानी हैं. बताइए रामभक्तों का खून बहाने वालों को जिताओगे या भारत माता के नाम पर वोट दोगे.
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कांग्रेस की सेक्युलर इमेज में फिट नहीं बैठते वरुण
राहुल ने वरुण की विचारधारा पर सवाल इसलिए उठाए हैं, क्योंकि उनकी छवि एक हिंदुत्ववादी नेता की है, जो कांग्रेस की सेक्युलर इमेज में फिट नहीं बैठती है. वैचारिक तौर पर देखा जाए तो वरुण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ज्यादा करीब दिखते हैं जबकि राहुल संघ की विचारधारा के खिलाफ ही भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं.
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