बीजेपी से नहीं मिलेगा Varun Gandhi को टिकट? पीलीभीत में अकेले शुरू कर दी तैयारी

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Mar 20, 2024, 03:53 PM IST

वरुण गांधी होंगे इंडिया ब्लॉक में शामिल?

Varun Gandhi: पीलीभीत से इस वक्त वरुण गांधी सांसद हैं, लेकिन अब तक बीजेपी ने यहां से टिकट का ऐलान नहीं किया है. टिकट कटने की अटकलों के बीच चर्चा है कि वरुण ने क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. 

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में अब 1 महीने से भी कम का वक्त बचा है. बीजेपी ने अभी तक पीलीभीत लोकसभा सीट से उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. वरुण गांधी यहां के मौजूदा सांसद हैं, लेकिन बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि उनका टिकट अभी पक्का नहीं है. वरुण गांधी को अगर बीजेपी टिकट नहीं देती है, तो क्या वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या फिर इंडिया ब्लॉक में शामिल होंगे?

2014 के बाद से पार्टी में हाशिये पर चल रहे हैं वरुण गांधी
पीलीभीत से आ रही खबरों के मुताबिक वरुण गांधी ने चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों का कहना है कि उनके कुछ करीबी लोगों ने बुधवार को नामांकन का पर्चा भी खरीद लिया है. वरुण गांधी अक्सर पार्टी विरोधी बयानों को लेकर चर्चा मे रहते हैं. 2014 के बाद से वह लगातार पार्टी में हाशिए पर चल रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि टिकट नहीं मिलने की हालत में भी उन्होंने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.


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समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनाव
चर्चा तो यह भी है कि इस बार उनकी मां मेनका गांधी को भी टिकट नहीं मिलने वाला है. 2019 में उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी. समाजवादी पार्टी से वरुण गांधी के चुनाव लड़ने की अटकलें हैं, लेकिन अभी तक अखिलेश यादव की ओर से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. दिल्ली में रामगोपाल यादव ने कहा है कि अगर वरुण बीजेपी छोड़ते हैं, तो उनकी उम्मीदवारी पर विचार किया जा सकता है. 


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कांग्रेस में पूरा होगा गांधी परिवार? 
वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी अब तक बीजेपी में हैं. इंदिरा गांधी का राजनीतिक उत्तराधिकारी संजय गांधी को माना जाता था, लेकिन प्लेन हादसे में हुई मौत के बाद राजीव गांधी को राजनीति में उतरना पड़ा था. संजय गांधी की मौत के बाद मेनका गांधी के रिश्ते इंदिरा से खराब होते गए और आखिरकार वह पार्टी और घर दोनों से अलग हो गईं. अब देखना यह है कि दशकों बाद क्या वरुण गांधी अपने चचेरे भाई-बहन राहुल और प्रियंका का साथ देंगे या फिर अपने राजनीतिक रास्ते अलग ही रखेंगे.

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