चंद्रमा और मंगल ग्रह पर मिली सफलता के बाद भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने अगले मिशन की तैयारी शुरू कर दी है. मोदी कैबिनेट बुधवार को चंद्रयान-4, शुक्र मिशन, इंडियन स्पेस स्टेशन समेत कई अंतरिक्ष से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी. वीनस ऑर्बिटर मिशन (Venus Orbiter Mission - VOM) के लिए सरकार ने 1236 करोड़ रुपये का बजट की स्वीकृत किया है, जिसमें से 824.00 करोड़ रुपये अंतरिक्ष यान पर खर्च किए जाएंगे.
शुक्र ग्रह (Venus Orbiter) पृथ्वी से सबसे नजदीक ग्रह माना जाता है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इसकी स्टडी से नई जानकारियां मिलेंगी.वीनस ऑर्बिटर मिशन के लिए खास तरीके का स्पेसक्राफ्ट तैयार किया जाएगा. जो शुक्र गृह के चारों ओर चक्कर लगाएगा और उसकी स्टडी करेगा. इसरो के वैज्ञानिक शुक्र गृह की सतह, उप-सतह, सूरज का प्रभाव आदि की जानकारी इकट्ठा करेंगे. माना जा रहा है कि 2028 में इसरो Venus मिशन को लॉन्च कर सकती है.
Chandrayaan-4 को भी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नए चंद्र मिशन चंद्रयान-4 (Chandrayaan 4) को भी मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने और उन्हें सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लाने का है. Chandrayaan 4 मिशन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को साल 2040 तक चांद पर उतारने और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की तकनीक को विकसित करना है.
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अंतरिक्ष केंद्र से जुड़ने, यान के उतरने, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी और चंद्र नमूना संग्रह और विश्लेषण के लिए आवश्यक प्रमुख प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा. मोदी सरकार ने चंद्रयान-4 मिशन के लिए कुल 2,104.06 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है.
मिशन में पांच मॉड्यूल वाले दो अंतरिक्ष यान स्टैक शामिल होंगे. इस मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष यान के विकास और प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार होगा.
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