Vice President Election 2022: उपराष्ट्रपति पद की दौड़ से भी बाहर नकवी, क्या होगा BJP के इस अल्पसंख्यक चेहरे का भविष्य?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 17, 2022, 03:53 PM IST

Vice President Election 2022 के लिए एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना प्रत्याशी बना दिया है. ऐसे में लोगों के मन में बस यह सवाल है कि आखिर पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का भविष्य क्या होगा?

डीएनए हिंदी: कल राष्ट्रपति चुनावों (President Election 2022) को लेकर मतदान होना है और इसके पहले ही बीजेपी संसदीय बोर्ड ने ऐलान कर दिया है कि एनडीए (NDA) की तरफ से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार (Vice President Election 2022) का भी ऐलान कर दिया गया है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और राज्य की ममता सरकार से टकराव और विवादों में रहने वाले जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) को प्रत्याशी घोषित किया गया है.

वहीं इस रेस में सबसे आगे चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) को बड़ा झटका लगा है और सवाल यह है कि आखिर उनके लिए अब बीजेपी के पिटारे में क्या है क्योंकि उनका बीजेपी में काफी बड़ी कद है.

11 दिन पहले हुआ था इस्तीफा

दरअसल, राज्यसभा के जरिए मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में अल्पसंख्यक मंत्री रहे मुख्तार को इस बार राज्यसभा के लिए पार्टी ने टिकट नहीं दिया था. नतीजा ये कि कार्यकाल खत्म होने के 11 दिन पहले ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. यह माना जा रहा था कि नकवी को टिकट इसलिए नहीं दिया गया है क्योंकि उन्हें पार्टी इस बार उपराष्ट्रपति बनाने का सोच रही है.

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बीजेपी ने फिर चौंकाया

वहीं एनडीए ने एक बार फिर उपराष्ट्रपति प्रत्याशी को लेकर चल रहे कयासों के बीच नया नाम देकर सभी को चौंका दिया है और मुख्तार अब्बास नकवी का पत्ता उपराष्ट्रपति पद की  रेस से बाहर हो गया है. वहीं अब सवाल यह है कि आखिर नकवी का क्या होगा क्योंकि वो बीजेपी के एक मुखर अल्पसंख्यक चेहरे माने जाते हैं जिसके चलते उन्हें पार्टी ने अल्पसंख्यक मंत्री बनाया था और फिलहाल अब इस मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पास है.

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संगठन में मिलेगी जगह?

नकवी की बात करें तो यह माना जा रहा है कि उन्हें इस साल होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अहम जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं. इसके अलावा होने हैं. उनके संगठनात्मक कौशल से सभी  अच्छी तरह वाकिफ हैं और इसीलिए संभावनाएं हैं कि पार्टी में संगठन के स्तर पर इस्तेमाल कर सकती है.

वहीं खास बात यह है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से लेकर रविशंकर प्रसाद को भी संगठन में लाने के लिए उनके मंत्री पद छिने और अब नकवी के साथ भी कुछ ऐसा ही हो सकता है.

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क्या यह भी होगा मास्टरस्ट्रोक?

इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि मुख्तार अब्बास नकवी को मोदी सरकार किसी राज्य में बतौर राज्यपाल नियुक्त कर सकती है. संभावनाएं ये भी हैं कि जगदीप घनखड़ जिस राज्य (पश्चिम बंगाल) में राज्यपाल हैं उन्हें नकवी ही रिप्लेस कर सकते हैं. यदि ऐसा होता है तो यह भी आगे जाकर एक मास्टरस्ट्रोक हो सकता है क्योंकि ममता बनर्जी पर बीजेपी लगताार अल्पसंख्यकों की राजनीतिक करने का आरोप लगाती हैं. 

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