Vice President Election 2022: द्रौपदी को हां और धनखड़ को न, क्या भविष्य को लेकर कन्फ्यूज है शिवसेना?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 17, 2022, 10:03 PM IST

Vice President Election 2022 को लेकर आज जहां विपक्ष ने अपने उम्मीदवार का ऐलान किया है तो वहीं अब शिवसेना ने प्रत्याशियों को समर्थन देने के मुद्दे पर एक बार फिर सभी को चौंकाया है.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से आंतरिक टकराव के चलते विवादों में रही शिवसेना (Shivsena) दो गुटों में जाने के बाद असमंजस की स्थिति में लग रही है क्योंकि उपराष्ट्रपति चुनावों (President Election) को लेकर आज विपक्षी दल ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. विपक्षी दलों ने मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) को उम्मीदवार बनाया है. वहीं एनडीए (NDA) की तरफ से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) को प्रत्याशी चुना गया है.  इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद ही शिवसेना का कन्फ्यूजन सामने आया है. 

दरअसल शिवसेना ने ऐलान किया है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में पार्टी  यूपीए के संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा  का समर्थन करेगी. शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) अल्वा के नाम का ऐलान करने से पहले एनसीपी प्रमुख शरद पावर (Sharad Pawar) के घर पर हुई बैठक में शामिल हुए थे. वहीं बाद में संजय राउत ने कहा कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्षी एकता बनी हुई है. 

विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को बनाया उपराष्ट्रपति प्रत्याशी, शरद पवार ने किया ऐलान 

मार्गरेट अल्वा का समर्थन

संजय राउत ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का जिक्र करते हुए कहा, "द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं और देश में आदिवासियों के लिए लोगों के मन में संवेदना है. हमारे बहुत सारे विधायक और सांसद भी आदिवासी समुदाय से हैं, इसीलिए हमने उनका समर्थन करने का ऐलान किया है. हालांकि यहां हम मार्गरेट अल्वा का समर्थन करेंगे."

वकील, नेता और राज्यपाल से लेकर अब उपराष्ट्रपति उम्मीदवार तक, जानें कौन हैं जगदीप धनखड़ 

मुर्मू के समर्थन पर उठे थे सवाल

शिवसेना सांसद राउत ने मुर्मू का समर्थन करने का मतलब यह नहीं है कि वे भाजपा का समर्थन कर रहे हैं. आपको बता दें कि शिवसेना ने ऐलान कर रखा है कि वो राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी. इसके इसके बाद से महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के महागठबंधन यानी महाविकास अघाड़ी गठबंधन में फूट की खबरें सामने आने लगी थी और इसकों लेकर दबे मुंह एनसीपी और कांग्रेस के नेता शिवसेना पर बरस भी पड़े थे. 

नदियों-नालों की सफाई को जन आंदोलन बनाना चाहते हैं भगवंत मान, क्या होगी AAP सरकार की रणनीति? 

एनसीपी कांग्रेस को खुश करने की कोशिश?

वहीं राष्ट्रपति चुनावों के विपरीत अब उपराष्ट्रपति चुनावों में शिवसेना ने एक बार फिर विपक्षी दलों का समर्थन करने का ऐलान कर सभी को चौंकाया है क्योंकि इसके जरिए पार्टी विपक्ष में भी अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना चाहती है. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि पार्टी अपने क्षेत्रीय राजनीतिक वर्चस्व को मजबूत करने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ कोई टकराव नहीं लेना चाहती है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों (Latest News) पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में (Hindi News) पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

shivsena bjp congress Draupadi Murmu Jagdeep Dhankar