डीएनए हिंदी: विश्व के किसी भी देश के सभ्य समाज में जब भी किसी व्यक्ति विशेष को संबोधित किया जाता है, तो उसके नाम के आगे सम्मान देते हुए Courtesy titles यानी उपाधियां जोड़ी जाती हैं। जैसे अंग्रेजी भाषा में Sir, Mister, Miss या Mrs जोड़ते हैं, उसी तरह से हिंदी में माननीय, महोदय जैसे शब्द जोड़े जाते हैं. आपने देखा होगा कि जब भी देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या गृहमंत्री को औपचारिक पत्र या निमंत्रण पत्र भेजे जाते हैं, तो उनके नाम के आगे Honorable या फिर नाम के बाद Respected Sir लिखा जाता है. ये सारी शिक्षा, स्कूल में बच्चों को सिखाई जाती है. उन्हें बताया जाता है कि जब हम किसी वरिष्ठ व्यक्ति से बात कर रहे हों तो उन्हें सम्मान देना चाहिए. इसे नैतिक शिक्षा कहते हैं. ये बातें सभ्य समाज के शिष्टाचार का हिस्सा है. लेकिन अफसोस हमारे देश की संसद में बैठे विपक्ष के नेता इस शिष्टाचार को भूल गए हैं.
संदन में हंगामा कर रहे विपक्ष के 143 सांसदों को संसद की कार्यवाही से जुड़े नियमों के तहत निलंबित किया जा चुका है. निलंबित सांसद सदन में हंगामा करने के बाद संसद परिसर में उपराष्ट्रपति का अपमान करते हुए भी नजर आए. राष्ट्रपति के सहायक का अपमान किया गया और इसे अब कला कहा जा रहा है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को विपक्ष पिछले काफी समय से टारगेट कर रहा है. 7 दिसंबर की जिस घटना की मिमिक्री करके टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी 'कलाकार' बन रहे हैं, वो घटना जगदीप धनखड़ के उच्च स्तरीय शिष्टाचार को दिखाता है. जिसकी समझ विपक्ष के नेताओं में नहीं दिखती.
विपक्ष ने 6 महीने पहले भी उड़ाया था मजाक
इसी महीने 6 दिसंबर का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उपराष्ट्रपति धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नमस्कार कर रहे थे. इस वीडियो में जगदीप धनखड़ एक सज्जन व्यक्ति होने की वजह से शिष्टाचार का पालन कर रहे थे. इस शिष्टाचार का उस वक्त विपक्ष ने काफी मजाक उड़ाया था. यही नहीं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ में रीढ़ की हड्डी ना होने की बातें कहकर विपक्ष ने कटाक्ष भी किया था. इस घटना ने भी उपराष्ट्रपति को काफी आहत किया था. उपराष्ट्रपति ने इस घटना के बाद, उनपर होने वाले कटाक्ष को लेकर सदन में विपक्ष को नसीहत भी दी थी.
पहले उपराष्ट्रपति के शिष्टाचार का मज़ाक उड़ाना, उसके बाद इसी घटना की मिमिक्री करके उपराष्ट्रपति का फिर मज़ाक उड़ाना, इन दो घटनाओं से ये समझा जा सकता है कि हमारे देश का विपक्ष उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पीछे पड़ा है. फिलहाल टीएमसी के फुल टाइम सांसद और पार्ट टाइम मिमिक्री आर्टिस्ट कल्याण बनर्जी और उनके समर्थन में खड़े विपक्ष पर आज उपराष्ट्रपति भड़के हुए थे. आज राज्यसभा में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे पर सवाल उठाए. अपनी मिमिक्री को व्यक्तिगत के बजाए उपराष्ट्रपति पद का अपमान बताते हुए जगदीप धनखड़ ने विपक्ष को शिष्टाचार का पाठ पढ़ाया.
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विपक्ष के नेता उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते वक्त ये भूल गए कि वो उपराष्ट्रपति का मजाक बना रहे हैं. अब हम आपको एक सांसद और उपराष्ट्रपति के पद का वरीयता क्रम दिखाना चाहते हैं. इसके जरिए हम आपको ये बताना चाहते हैं कि एक सांसद को क्यों अपने वरिष्ठ का इस तरह से अपमान नहीं करना चाहिए. भारत सरकार में महत्वपूर्ण पदों का एक वरीयता क्रम है. गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, वरीयता क्रम में-
- पहले नंबर पर देश के राष्ट्रपति
- दूसरे नंबर पर उपराष्ट्रपति
- तीसरे नंबर पर प्रधानमंत्री
- उसके बाद चौथे नंबर पर देश के राज्यों के राज्यपाल और पांचवें नंबर पर पूर्व राष्ट्रपतियों के नाम होते हैं.
22 दिसंबर यानी परसों संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है. लेकिन ऐसा लग रहा कि जैसे सियासी शूरवीर फाइनल राउंड खेल रहे हों. उपराष्ट्रपति के अपमान पर बीजेपी ने तय कर लिया है वो फ्रंटफुट पर खेलेगी. लेकिन विपक्ष भी बैकफुट पर जाने को तैयार नहीं है. जगदीप धनखड़ की नकल उतारते सांसद की हरकत को कोई अपमान बता रहा है, तो कोई उपराष्ट्रपति के अपमान के मुद्दे को आर्ट कह रहा है. साल बदलने वाला है, 2023 के बाद 2024 आने वाला है. जिसमें लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में इसे उसी के लिए ट्रेलर समझा जा रहा है.
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