गांव के बच्चे क्यों हो रहे शहरी बच्चों से लंबे, ये स्टडी पढ़कर खुल जाएंगे दिमाग के पुर्जे

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 11, 2023, 08:37 PM IST

सांकेतिक तस्वीर

Study News: ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे बच्चे एक स्वस्थ विकास प्रवृत्ति दिखा रहे हैं. उनकी लंबाई भी शहर के बच्चों के मुकाबले ज्यादा बढ़ रही है.

डीएनए हिंदी: कहा जाता है कि गांव के मुकाबले शहरों में रोजगार से लेकर स्वास्थ्य तक बेहतर सुविधा होती है. जिससे बच्चों का पालन-पोषण बेहतर हो पाता है. लेकिन हाल ही में हुए एक स्टडी में पता चला है कि गांव में रहने वाले बच्चे शहर में रहने वाले बच्चों से अधिक स्वस्थ्य रहते हैं. खासकर उनकी लंबाई में वृद्धि के मामले में. स्टडी में सामने आया है कि गांव में रहने वाले बच्चे अधिक लंबे होते हैं. 

इंपीरियल कॉलेज लंदन के नेतृत्व में वैज्ञानिक पत्रिका नेचर में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया कि शहर और गांव में रहने वाले बच्चों की लंबाई (Height) और वजन (Weight) के बारे में सर्वे किया गया. जिसमें पाया गया कि अधिकांश देशों में शहरों में रहने वाले बच्चों की लंबाई और ऊंचाई में कमी आई है. जबकि गांव में रहने वाले बच्चों और किशोरों में उनके देसी खानपान की वजह से उनकी ग्रोथ में सुधार आया है. शहरों में जिस तरह से गांव के मुकाबले सारी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं लेकिन बच्चे स्वस्थ्य नहीं रह पाते. 

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अध्ययन के मुताबिक, शहरों में बड़े होने वाले बच्चों ने अपेक्षित वृद्धि नहीं दिखाई दी. ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चे ऊंचाई और वजन दोनों में शहरी बच्चों के बराबर हो गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे बच्चे एक स्वस्थ विकास प्रवृत्ति दिखा रहे हैं. इंपीरियल कॉलेज लंदन के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के स्टडी के प्रमुख लेखक डॉक्टर अनु मिश्रा कहते हैं कि स्वच्छता, पोषण और स्वास्थ्य देखभाल में सुधार के कारण ग्रामीण क्षेत्र शहरों की बराबरी कर रहे हैं. जबकि 1990 के बाद से ऊंचाई और BMI में दुनिया भर में वृद्धि हुई है. 

उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में गांव और शहर में रहने वाले बच्चों के शरीर द्रव्यमान सूचकांक (Body mass index-BMI) में बड़ा अंतर था. तब शहर में रहने वाली लड़की गांव में रहने वाली बच्ची के वजन में 0.72 kg/M2 अंतर होता था. लेकिन बाद में बच्चों और किशोरों के क्रमिक समूहों का बीएमआई शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक बढ़ा है, जिससे शहरी-ग्रामीण अंतर में मामूली कमी आई है.

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गांव और शहर के बच्चों की लंबाई में कितना फर्क?
एक सीनियर Diabetologist विशेषज्ञ जो अध्ययन के सह-लेखक भी कहते हैं. इससे पहले 1,500 से अधिक शोधकर्ताओं और डॉक्टरों के एक साथ अध्ययन किया था. जहां वैज्ञानिकों ने 1990 से 2020 तक 200 देशों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 से 19 साल के 71 मिलियन बच्चों और किशोरों के कद और वजन के आंकड़ों का विश्लेषण किया था. जिसमें पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास में कमी और कुपोषण में तेजी से गिरावट आई है. लेकिन भारत में पिछले 2 दशक से ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों की ऊंचाई में काफी वृद्धि देखी गई है. लड़कों और लड़कियों दोनों में शहर के मुकाबले 4 सेमी का फर्क नजर आया है.

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