ओडिशा के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीजू जनता दल (BJD) की हुई करारी हार के बाद पूर्व सीएम नवीन पटनायक के करीबी वीके पांडियन (VK Pandiyan) ने राजनीति से संन्यास ले लिया है. उन्होंने सक्रिय राजनीति को अलविदा कह दिया है. पांडियन ने कहा कि मेरी जाने से बीजेडी के भविष्य पर कोई असर नहीं होगा, पार्टी अपने विजन के साथ आगे बढ़ती रहेगी.
IAS से नेता बने वीके पांडियन ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘अब मैंने सक्रिय राजनीति छोड़ने का फैसला किया है. इस सफर में मैंने किसी को कोई ठेस पहुंचाई हो, तो मुझे माफ कर दें... अगर मेरे खिलाफ चलाये गए अभियान ने बीजू जनता दल (बीजेडी) की हार में कोई भूमिका निभाई है, तो मुझे खेद है. इसके लिए मैं समस्त बीजू परिवार से क्षमा याचना करता हूं.’
बीजेपी ने खत्म किया BJD का 24 साल का शासन
पांडियन ने कहा कि राजनीति में आने का उनका एकमात्र इरादा नवीन पटनायक की सहायता करना था और यही कारण है कि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 147 सदस्यीय ओडिशा विधानसभा में 78 सीट जीतकर BJD के 24 साल लंबे शासन को खत्म कर दिया.
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वहीं, पटनायक नीत पार्टी ने 51 सीट पर जीत दर्ज की, कांग्रेस को 14 और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को एक सीट मिली. बीजेडी राज्य में लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत सकी. वहीं, भाजपा ने 20 और कांग्रेस ने (लोकसभा की) एक सीट पर जीत दर्ज की. पांडियन ने कहा, ‘‘मैं हमेशा ओडिशा को अपने दिल में रखूंगा और गुरु नवीन बाबू मेरी सांस में रहेंगे.
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