डीएनए हिंदी: हीटवेव (Heatwave) का कहर, जलवायु परिवर्तन की दस्तक और समय से बारिश के न होने से कई उत्तर भारतीय राज्यों में जल संकट की स्थिति पैदा हो रही है. कई राज्य ऐसे हैं जहां गंभीर जल संकट (Water Crisis) ने दस्तक दे दी है. ग्रामीण इलाकों में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं.
कुछ इलाके ऐसे हैं जहां कुछ बूंद पानी के लिए लोग गहरे कुएं में उतर रहे हैं. सोशल मीडिया पर जल संकट का एक वीडियो वायरल हो रहा है. कुछ महिलाएं बारी-बारी से एक कुएं में सिर्फ इस आस में उतरती हैं कि उन्हें एक घड़ा पानी मिल जाए. यह कहानी सच है.
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550 परिवारों का गांव लेकिन पीने के लिए नहीं है पानी
जगह-जगह हालात इतने खराब हैं कि लोग पानी के लिए जान जोखिम में डाल रहे हैं. ऐसी ही एक जगह है मध्य प्रदेश का डिमरटोला (Dimartola) गांव जो राज्य के डिडोरी (Didori) जिले में आता है. करीब 550 परिवारों वाले इस गांव में पीने या खाना बनाने के लिए पानी नहीं बचा है.
पानी के लिए गहरे कुएं में उतरने को मजबूर महिलाएं
डिमरटोला गांव में कुल 4 कुएं थे. भीषण गर्मी की वजह से चारों कुएं सूख गए हैं. इस गांव की महिलाएं पानी की बोतल लेने के लिए कुओं की दीवारों से नीचे उतरने को मजबूर हैं. महिलाओं को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है. उन्हें 30 फीट की दीवार से नीचे उतरना पड़ता है. इतने गहरे उतरकर महिलाएं सिर्फ एक लीटर पानी ही अपने साथ ले जा सकती हैं.
देखें वीडियो-
जान जोखिम में डालकर पानी की आस में भटक रहे लोग, प्रशासन ने साधी चुप्पी
पानी के लिए ऐसी त्रासदीभरी तस्वीर कई राज्यों की हकीकत है. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं. इस गांव के लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. यहां के लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी उन्हें जिला प्रशासन से कोई राहत नहीं मिली है. प्रशासन अपनी ज़िम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं.
पानी बर्बाद करने में फन नहीं, बचाने में है
डिमरटोला गांव में महिलाओं की बहादुरी का वीडियो जो लोग देख रहे हैं, उन्हें पानी खर्च करने से पहले 10 बार सोचना चाहिए. जो लोग पानी की बर्बादी सिर्फ फन के लिए करते हैं उन्हें यह सोचना चाहिए कि लोगों के पास पीने के लिए पानी नहीं है और वे बर्बाद कर रहे हैं.
जल संकट की बात कोई नहीं करता. वजह यह भी हो सकती है कि ये सुदूर गांवों की बदहाली की तस्वीरें हैं जिन पर कोई ध्यान नहीं देता. ऐसी स्थिति अगर महानगरों में पैदा हुई तो त्रासदी जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी.
जल्द गहराएगा गंभीर जल संकट
हमारे पूर्वज नदियों, तालाबों और नहरों से पानी भरते थे. गांव के भीतरी हिस्सों में कुएं से निकालकर पानी लोग पीते थे. नल किसी क्रांति की तरह हर घर पहुंचा. जमीन से पानी निकालने की अंधी दौड़ में भूजल का स्तर खिसकता गया. कई गांव ऐसे हैं जहां अब अंडर ग्राउंड वाटर ढूंढने से नहीं मिल रहा है. अगर लोग जल संकट को लेकर सक्रिय नहीं हुए तो कई क्षेत्रों में हालात बेहद खराब होने वाले हैं.
जल संकट से बचने के लिए क्या करें?
जल संकट एक दिन में पैदा नहीं हुआ है. जलवायु परिवर्तन की वजह से अनियमित बारिश हो रही है. देश के लगभग हर हिस्से में बारिश के पानी को स्टोर करने के लिए कोई सटीक व्यवस्था नहीं है. न तो लोग अब तालाब बचा रहे हैं न ही ऐसा सिस्टम विकसित कर रहे हैं जिससे बारिश के पानी को स्टोर किया जा सके.
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जमीन के भीतर मौजूद जल लगातार खत्म हो रहा है. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के कई हिस्सों में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं. सरकार और सामाजिक संस्थाओं को आसन्न जल संकट से उबरने के लिए पानी बचाने के उपायों पर गौर करने की जरूरत है.
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