डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की बुधवार को स्थानीय कोर्ट में पेशी थी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट से दोनों की कस्टडी बढ़ाने की मांग की थी. दोनों वर्चुअल मीडियम से कोर्ट में पेश हुए थे. केस की सुनवाई के दौरान दोनों फफक कर रो पड़े. अब उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
पार्थ चटर्जी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके तीन बैंक खातों में अतिरिक्त 5.32 करोड़ रुपये का पता लगाया है. केंद्रीय जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह उनके घर से बरामद 50 करोड़ रुपये के अलावा है.
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पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले में नाम आने के बाद से ही न्यायिक हिरासत में हैं. बुधवार दोपहर एक विशेष ED अदालत में वह सुनवाई के लिए पेश हुए थे. यहीं ईडी ने कहा कि अर्पिता के अलग-अलग बैंक अकाउंट में 5.32 करोड़ रुपये मिले हैं.
कोर्ट में ईडी ने क्या कहा?
ईडी के वकील ने कोर्ट से कहा कि यह अतिरिक्त राशि पांच बैंक खातों में पाई गई थी, जिनमें से तीन व्यक्तिगत रूप से अर्पिता मुखर्जी के पास हैं, जबकि अन्य दो खाते दो कंपनियों के नाम हैं, जहां वह निदेशक हैं. बुधवार को चटर्जी के वकील द्वारा उनके मुवक्किल की ओर से जमानत याचिका दायर किए जाने के बाद पूर्व मंत्री की आंखों में आंसू आ गए.
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पार्थ चटर्जी ने कहा- मैं साजिश का हुआ शिकार
सुनवाई के दौरान पार्थ चटर्जी ने कहा, 'मैं एक साजिश का शिकार हूं. ईडी के अधिकारी लंबे समय तक मेरे आवास पर थे लेकिन मेरे आवास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ. मैं अर्थशास्त्र का छात्र था. मैंने डॉक्टर की पढ़ाई की. मैं लंबे समय तक मंत्री था और इससे पहले मैं राज्य विधानसभा में विपक्ष का नेता था. मेरा करियर बेदाग रहा.'
...जब पार्थ चटर्जी ने कहा कि मैं साजिश का हुआ शिकार
कोर्ट ने पार्थ चटर्जी से पूछा, 'क्या आप जमानत पर रिहाई की मांग कर रहे हैं? तभी उन्होंने कहा, सर, कृपया मुझ पर दया करें. कृपया आप समझे कि मैं एक साजिश का शिकार हूं.'
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घोटाले से बार-बार इनकार कर रहे हैं पार्थ चटर्जी
पार्थ चटर्जी ने कहा कि उनका नाम शिक्षक भर्ती घोटाले में गलत तरीके से डाला गया है. वह किसी भी तरह से इस घोटाले में संलिप्त नहीं हैं. मुझे नहीं पता कि मेरे घर से कितना पैसा वसूल किया गया. सुनवाई के दौरान ही जज ने उन्हें टोका कि जिन आवासों से नकद बरामद हुई है उनके मालिक पार्थ चटर्जी ही हैं इसलिए भारी नकदी की जिम्मेदारी उनकी है. कोर्ट ने इस केस में अपना फैसला सुरक्षित रखा है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
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