डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल के पूर्व कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की करीबी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी में 50 करोड़ की नकदी मिलने से ममता सरकार पर सवाल खड़े हो गए. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सबसे पहले उन्हें अपनी कैबिनेट से हटाया. इसके बाद अब सीएम ने उनके करीबी अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की है जो कि पार्थ चटर्जी के लिए एक बड़ा झटका है.
दरअसल, शिक्षक भर्ती घोटाले (WB SSC Scam) में गिरफ्तार हुए पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के भरोसेमंद नौकरशाहों पर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. जानकारी के मुताबिक दो नौकरशाहों को राज्य के कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग से अनिश्चित काल के लिए अनिवार्य प्रतीक्षा पर भेजा गया है.
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कौन हैं दोनों अधिकारी
आपको बता दें कि ये विभाग सीधे तौर पर ममता बनर्जी के नियंत्रण में हैं. वहीं दिलचस्प बात यह है कि ममता बनर्जी ने कल ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की थी. सीएम ने जिन दो अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है उनमें सबसे अधिक करीबी पश्चिम बंगाल सिविल सेवा (कार्यकारी कार्यालय) सुकांत आचार्य हैं, जो कि चटर्जी के निजी सहायक रहे थे.
वहीं दूसरे अधिकारी की बात करें तो दूसरे नौकरशाह प्रोबीर बंदोपाध्याय हैं जो कि राज्य संसदीय मामलों के विभाग के विशेष कर्तव्य अधिकारी हैं. प्रोबीर बंदोपाध्याय 2011 से चटर्जी के साथ थे. यह वो वक्त है जब तृणमूल कांग्रेस 34 साल के लंबे वाममोर्चा शासन को उखाड़कर पश्चिम बंगाल में सत्ता में आई थी और ममता बनर्जी के पक्ष में बंगाल में एक सुनामी आई थी.
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कैबिनेट में हुआ था बदलाव
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी ममता सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार कर चुकी है.ईडी की कार्रवाई के बाद ममता ने भी कार्रवाई करते हुए पार्थ को मंत्री पद और पार्टी में सभी विभागों के पदों से निष्कासित किया था और वहीं खास बात यह है कि इस पूरे प्रकरण के बाद ही ममता ने अपनी कैबिनेट में पहला बड़ा फेरबदल किया है.
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