WBSSC Scam: हाई कोर्ट का आदेश- जिनको गड़बड़ी से नौकरी मिली उन्हें बर्खास्त करें, वेटिंग लिस्ट वालों की होगी ज्वाइनिंग

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 21, 2022, 04:57 PM IST

कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

WBSSC Scam Calcutta High Court: कलकत्ता हाई कोर्ट ने WBSSC घोटाले के मामले में कहा है कि जिन्हें फर्जी तरीके से नौकरी मिली है, उन्हें बर्खास्त करें.

डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) के शिक्षक भर्ती घोटाले में कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने बड़ा फैसला दिया है. हाई कोर्ट ने आयोग को आदेश दिया है कि जिन लोगों ने फर्जी तरीके से सरकारी स्कूलों में नौकरी हासिल की है उनकी पहचान करके उन्हें बर्खास्त किया जाए. कोर्ट ने साफ कहा है कि इन लोगों की जगह पर उन लोगों को नौकरी दी जाएगी जो पात्र हैं और फिलहाल वेटिंग लिस्ट में उनका नाम मौजूद है.

जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की बेंच ने इस मामले में डब्ल्यूबीएसएससी के वकीलों और याचिकाकर्ताओं को आपातकालीन आधार पर भर्ती और वेटिंग लिस्ट की समीक्षा करने और 28 सितंबर को एक रिपोर्ट जमा करने को कहा है. उन्होंने डब्ल्यूबीएसएससी भर्ती अनियमितताओं की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम को उन अयोग्य उम्मीदवारों पर एक अलग रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया, जिन्हें अवैध रूप से शिक्षकों की नियुक्ति मिली थी.

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WBSSC अधिकारियों से सलाह ले सकती है CBI
उनके अनुसार, दो रिपोर्टों की समीक्षा की जाएगी, जिसके बाद अवैध रूप से नियुक्ति पाने वालों की सेवाएं खत्म कर दी जाएंगी. उन योग्य उम्मीदवारों को नियुक्त किया जाएगा जो वेटिंग लिस्ट में हैं. जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा, 'अगर जरूरी हो तो सीबीआई टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय डब्ल्यूबीएसएससी के अधिकारियों से भी परामर्श कर सकती है.'

इससे पहले बुधवार को सीबीआई ने डब्ल्यूबीएसएससी भर्ती अनियमितता घोटाले में अपनी जांच की प्रगति पर अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी. इसने अदालत को उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के कुलपति और डब्ल्यूबीएसएससी के पूर्व अध्यक्ष सुबीरेश भट्टाचार्य की नवीनतम गिरफ्तारी के बारे में भी सूचित किया. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने डब्ल्यूबीएसएससी को 28 सितंबर तक शिक्षकों के साथ-साथ ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में एक नई अधिसूचना जारी करने का भी निर्देश दिया.

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'609 में 573 कर्मचारी हो चुके हैं बर्खास्त'
इससे पहले, याचिकाकर्ताओं के वकील, बिकाश रंजन भट्टाचार्य ने अदालत को सूचित किया कि न्यायमूर्ति रंजीत कुमार बाग (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट के अनुसार, सी और डी ग्रुप के कुल 609 कर्मचारियों की भर्ती अवैध रूप से की गई थी. भट्टाचार्य ने अदालत को बताया, '609 में से 573 की सेवाएं खत्म कर दी गईं. हालांकि, उन रिक्त पदों को अभी भरा जाना बाकी है.' न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने डब्ल्यूबीएसएससी अधिकारियों को प्रतीक्षा सूची से 573 उम्मीदवारों की पहचान करने और उनकी काउंसलिंग की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया.

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