WBSSC Scam: कैबिनेट से लेकर संगठन तक, TMC के संगठन में सबकुछ बदल सकती हैं ममता बनर्जी, ये है वजह

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 30, 2022, 11:45 PM IST

Mamata Banerjee

WBSSC Scam: पश्चिम बंगाल में शिक्षा भर्ती घोटाले के सामने आने के बाद ममता बनर्जी सरकार बुरी तरह घिरी है. टीएमसी पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. लगातार हो रहे एक्शन के बाद ममता बनर्जी बैकफुट पर आ गए हैं.

डीएनए हिंदी: स्कूल भर्ती घोटाला (WBSSC Scam) मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के निलंबित सीनियर नेता पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की गिरफ्तारी के बाद पार्टी अपने संगठन में आमूल-चूल बदलाव के साथ ही पश्चिम बंगाल मंत्रिपरिषद में भी व्यापक फेरबदल करने की तैयारी में है. टीएमसी से जुड़े सूत्रों का दावा है कि फेरबदल असली मकसद स्कूल भर्ती घोटाले की जांच से प्रभावित हुई पार्टी की छवि को बदलना भी है. तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार, दोनों में प्रभावी भूमिका में रहे चटर्जी को गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद से हटा दिया गया था और पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. 

ईडी (ED) ने मामले में पिछले सप्ताह पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) को गिरफ्तार किया था. अर्पिता के फ्लैट से करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है. पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को संकेत दिया था कि जल्द ही मंत्रिपरिषद में फेरबदल होगा. 

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मंत्रिपद में बदलाव की हो रही थी तैयार!

ममता बनर्जी ने कहा था, 'पार्थ दा को मंत्री पद से मुक्त कर दिया गया है. फिलहाल, मैं उनके मंत्रालयों को तब तक अपने पास रखूंगी जब तक कि मंत्रिपरिषद में फेरबदल नहीं हो जाता.' इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, मंत्रिपरिषद में काफी समय से बदलाव की योजना बनाई जा रही थी, हालांकि, चटर्जी की गिरफ्तारी ने इस प्रक्रिया को तेज कर दिया. 

पार्टी में बदलाव की अटकलें तेज

टीएमसी से जुड़े एक सूत्र ने कहा, 'अब समय ही बताएगा कि व्यापक फेरबदल होगा या केवल कुछ प्रमुख मंत्रालयों में बदलाव किया जाएगा.' पार्थ चटर्जी उद्योग, वाणिज्य एवं उद्यम और संसदीय मामलों सहित पांच प्रमुख विभागों के प्रभारी थे. 

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'एक व्यक्ति, एक पद की नीति पर आगे बढ़ रही टीएमसी'

सीनियर नेता ने यह भी बताया कि संगठनात्मक बदलाव पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी नेताओं के 'एक व्यक्ति, एक पद' के अपील को दिखा सकता है. उन्होंने कहा, 'पार्टी संगठन में भी बड़े बदलाव होंगे. एक व्यक्ति, एक पद की नीति का सख्ती से पालन किया जाएगा. महासचिव जैसे कुछ पद, जो पार्थ चटर्जी के पास थे, को समाप्त किया जा सकता है. इन बदलावों को अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लागू किया जाएगा.'


क्यों पुरानी नीति पर आगे बढ़ रही है टीएमसी?

महासचिव होने के अलावा पार्थ चटर्जी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य और इसकी अनुशासन समिति के अध्यक्ष तथा पार्टी के समाचार पत्र 'जागो बांग्ला' के संपादक भी थे. इससे पहले भी चिटफंड घोटालों और नारद टेप मामले में कथित संलिप्तता के चलते तृणमूल कांग्रेस के चार सांसदों तथा मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया था.

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वहीं, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेंदु शेखर ने कहा, 'जैसे ही हमें इस बारे में पता चला, हमने उनके खिलाफ कार्रवाई की. यह दर्शाता है कि पार्टी किसी भी तरह से भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती.' घोटाले से पार्टी की छवि प्रभावित होने का जिक्र करते हुए राजनीतिक विश्लेषक मैदुल इस्लाम ने कहा कि मंत्रिपरिषद और पार्टी में फेरबदल तृणमूल कांग्रेस की छवि बदलने में मददगार साबित हो सकता है. (इनपुट- भाषा)

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