डीएनए हिंदी: दिवाली के बाद मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया है. आईएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक पहाड़ों पर बर्फबारी की संभावना बन रही है. इसके अलावा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इस दौरान बारिश भी हो सकती है. वहीं दक्षिणी भारत में उत्तर-पूर्वी मॉनसून के दस्तक देने के आसार है. ऐसे में उत्तर भारत में ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ सकता है जिसका असर वायु प्रदूषण में भी देखने को मिल सकता है.
सबसे पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इससे सटे शहरों की बात करें तो गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा में प्रदूषण बढ़ गया है. दिल्ली और NCR में प्रदूषण में बढ़ोत्तरी तब होती है जब इस क्षेत्र पर हवाओं की दिशा पूर्वी हो जाए यह दक्षिणी और हवा की गति कम हो जाए. ऐसा तब होता है जब कोई पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी राज्यों की तरफ आने लगे. आपको बता दें कि इस समय उत्तर भारत की ओर एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है और इसके बाद भी एक सिस्टम आएगा यानी अगले एक सप्ताह या 10 दिनों के दौरान प्रदूषण घटता और बढ़ता रहेगा.
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प्रमुख महानगरों में कैसा रहेगा मौसम
29 अक्टूबर के मौसम पूर्वानुमान की बात करें तो देश के प्रमुख शहरों का हाल कुछ इस प्रकार रह सकता है.
दिल्ली: हवाओं की रफ्तार कम होने से प्रदूषण बढ़ेगा. यहां अधिकतम तापमान लगभग 32 डिग्री और न्यूनतम 15 डिग्री रहेगा, सुबह की सर्दी और बढ़ेगी.
मुंबई: मायानगरी में 29 अक्टूबर को बारिश नहीं होगी लेकिन आंशिक बादल छाए रह सकते हैं. अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहेगा.
कोलकाता: मौसम सूखा बना रहेगा. बादल भी नहीं रहेंगे और दिन में गर्मी के साथ RH बढ़ सकता है. अधिकतम तापमान 32 डिग्री रिकार्ड किया जा सकता है. न्यूनतम तापमान 23 डिग्री रहेगा.
चेन्नई: दिन भर बादल बने रहेंगे और रुक-रुक कर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है. मॉनसून भी दस्तक दे सकता है. अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रहेगा.
देश में अब उत्तर-पूर्वी मॉनसून देगा दस्तक
जून से सितंबर के बीच दक्षिण भारत के कई राज्यों में अच्छी बारिश नहीं होती है. खासतौर पर तमिलनाडु में यह बेहद कम होती है लेकिन अक्टूबर के आखिर से दिसंबर के बीच तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश के कुछ भागों, कर्नाटक और पुद्दूचेरी में जमकर बादल बरसते हैं. यह बारिश उत्तर पूर्वी मॉनसून (Northeast Monsoon) के चलते होती है. यह मिनी मॉनसून 29 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच इन सभी भागों में पहुँच जाएगा जिससे दक्षिणी राज्यों में बारिश बढ़ जाएंगी.
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उत्तर भारत में शुरू होगी बर्फबारी
वहीं मौसम को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों पर जल्द ही अच्छी बर्फबारी होने वाली है. सर्दियों में होने वाली इसी बर्फबारी के चलते ही उत्तर भारत के भागों से लेकर पर मध्य और पूर्वी भारत के राज्यों तक सर्दी बढ़ती है. इस बीच एक पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) 30-31 अक्टूबर को उत्तर भारत में पहुंचेगा, जिसके प्रभाव से पर्वतीय राज्यों में भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में पंजाब व हरियाणा के कुछ शहरों में बारिश होने की संभावना है.
इस पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने के बाद एक नया पश्चिमी विक्षोभ फिर से आएगा. 3-4 नवंबर को जब यह सिस्टम आएगा तब उत्तर भारत में और अधिक बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है. यह पूरा सिलसिला तकरीबन एक सप्ताह के लिए चलेगा और जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में जहां इस दौरान कई स्थानों पर अच्छी बर्फ गिरेगी वहीं पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना है.
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नवंबर के पहले हफ्ते से तेज सर्दी
उत्तर भारत में पहाड़ों पर जब बर्फबारी होती है उसके बाद वहां से ठंडी हवाएं मैदानी भागों में पहुंचती हैं तब इन्हीं हवाओं के चलते वायुमंडल की निचली सतह का तापमान स्थाई तौर पर गिरने लगता है और असर धरती की सतह के तापमान पर भी पड़ता है. वर्तमान मौसम का परिदृश्य देखकर अनुमान है कि नवंबर के पहले सप्ताह में अच्छी सर्दी की शुरुआत हो जाएगी जो कि दिल्ली एनसीआर के लोगों के लिए बड़ी खबर भी हो सकती है.
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