पश्चिम बंगाल सरकार हो कलकत्ता हाई कोर्ट (High Court) से बड़ा झटका लगा है. 2016 स्कूल भर्ती घोटाले मामले में हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है. कोर्ट ने सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्तियां रद्द करते हुए 6 हफ्ते में वेतन लौटाने का भी निर्देश दिया है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के बीच ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार के लिए इस फैसले के बाद चुनौतियां बढ़ सकती हैं. बीजेपी समेत तमाम विपक्षी दल इस फैसले का हवाला देकर प्रदेश में भ्रष्टाचार का मामला जोर-शोर से उठाएंगी.
ममता सरकार की हुई थी इस मामले में किरकिरी
2016 में सरकार के जरिए प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में स्टेट-लेवल टेस्ट के जरिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती में अनियमितताओं को लेकर कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं. इस मामले की सीबीआई (CBI) जांच के दौरान राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को अरेस्ट भी किया था. ममता बनर्जी सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगे थे. अब हाई कोर्ट ने भी सीबीआई जांच को हरी झंडी दे दी है. साथ ही इस नियुक्ति को अवैध करार दिया है.
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6 हफ्ते में सैलरी लौटाने का आदेश
हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद उन परिवारों में मायूसी का आलम है, जिनकी नौकरी लगी थी. हाई कोर्ट ने ममता सरकार को 6 हफ्ते के अंदर सैलरी लौटाने का भी आदेश दिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस देबांग्सु बसाक और जस्टिस मोहम्मद शब्बर रशीदी की बेंच ने यह फैसला दिया है. अदालत के इस फैसले के साथ 25,753 टीचर्स की नौकरी एक झटके में खत्म हो जाएगी.
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