पश्चिम बंगाल में सत्ता परिवर्तन का दावा बीजेपी केंद्र की सत्ता में आने के बाद से कर रही है. हालांकि, ममता बनर्जी ने बंगाल (Bengal Bypolls 2024) में अपना गढ़ मजबूत करने में अब तक सफल रही हैं. 2024 लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने उपचुनाव में चारों सीटें जीतकर दिखा दिया है कि बीजेपी के लिए चुनौतियां अभी कम नहीं होने वाली हैं. बीजेपी के लिए यह चुनौती और भी बड़ी है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में पार्टी ने तीन सीटों पर यहां जीत दर्ज की थी.
लोकसभा चुनाव के बाद उपचुनाव में झटका
बंगाल में 4 सीटों पर उपचुनाव हुए थे. रायगंज से कृष्ण कल्याणी, बागदा से मधुपर्णा ठाकुर, राणाघाट से मुकुल मणि अधिकारी और और माणिकत्ला से सुप्ती पांडे ने जीत दर्ज की है. बीजेपी के लिए उपचुनाव में यह हार और भी चुभने वाली इसलिए भी है, क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव में भगवा पार्टी ने प्रदेश में 35 सीटें जीतने का दावा किया था. नतीजा आया तो बीजेपी 2019 की 18 सीटों से नीचे जाकर 12 पर थम गई.
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बंगाल में बीजेपी कैडर में निराशा का माहौल
सूत्रों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अंदर इस वक्त खेमेबाजी और निराशा का माहौल है. लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से कार्यकर्ताओं का उत्साह ठंडा पड़ा हुआ है. नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तस्वीर साफ नहीं है और इस वजह से पार्टी कार्यकर्ताओं के पास सटीक रणनीति के साथ आगे बढ़ने के लिए कोई नेतृत्व भी नहीं था.
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पश्चिम बंगाल की सीएम ने नतीजों पर खुशी जताते हुए कहा कि बंगाल की जनता का धन्यवाद करना चाहती हूं. जनता अब बीजेपी के झूठ में नहीं फंसने वाली है और लोगों को हकीकत पता चल चुकी है. बंगाल की जनता हमारे साथ है.
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