पश्चिम बंगाल की पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में अब तक 9 की मौत, सीएम ममता बनर्जी ने किया मुआवजे का ऐलान

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 17, 2023, 09:07 AM IST

Fire Cracker Factory Blast

West Bengal News: पश्चिम बंगाल की एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में अभी तक 9 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं.

डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा इलाके में मंगलवार को एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ. इस हादसे में अभी तक कुल 9 लोगों की जान जा चुकी है. इनके अलावा कई लोग घायल भी हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. हादसे के बाद इसकी सीआईडी जांच के आदेश दिए गए हैं. कहा जा रहा है कि जिस फैक्ट्री में हादसा हुआ है वह अवैध थी. हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन के लिए सीएम ममता बनर्जी ने 2.5 लाख रुपये की सहायता राशि और घायलों के लिए 1 लाख रुपये की राशि का ऐलान किया है.

सीएम ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि अगर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की जांच करती है, जैसा कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मांग की है, तो वह इस पर कोई आपत्ति नहीं करेंगी. कोलकात में सीएम ममता ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि पटाखा फैक्ट्री के मालिक कृष्णपद बी. को पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया था.

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जेल जा चुका है फैक्ट्री का मालिक
ममता बनर्जी ने कहा कि कृष्णपद को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने उसे जमानत दे दी थी. इसके बाद उन्होंने बंगाल-ओडिशा सीमा के करीब स्थित अपनी अवैध पटाखा फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया. कृष्णपद अपने कारखाने में विस्फोट के बाद से फरार है और पुलिस को संदेह है कि वह ओडिशा भाग गया होगा. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कृष्णपद इसी तरह का अवैध पटाखा बनाने का कारोबार ओडिशा और बांग्लादेश में चलाता है.

ममता ने आगे आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं ने घटनास्थल पर पहुंचने से रोक दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस पंचायत में धमाका हुआ, वह बीजेपी के नियंत्रण में है. इस बीच, सुकांत मजूमदार ने दावा किया है कि विस्फोट के प्रभाव से पता चलता है कि यह साधारण पटाखों का विस्फोट नहीं था. उन्होंने कहा, हमें संदेह है कि कारखाने में कच्चे बम बनाए जा रहे थे.

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स्थानीय लोगों का आरोप है कि अवैध रूप से पटाखा फैक्ट्री चलाई जा रही थी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे अवैध पटाखा कारखानों के खिलाफ कार्रवाई करने की उनकी बार-बार की गई अपील को स्थानीय प्रशासन द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया.

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