डीएनए हिंदी: कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले के केतुग्राम थाना इलाके से खबर आई थी कि नर्स पत्नी के छोड़ देने के डर से पति ने उसका हाथ काट दिया था. दरअसल उसकी पत्नी को सरकारी अस्पताल में नौकरी मिली थी. इसके बाद से उसे डर सता रहा था कि पत्नी उसे छोड़ देगी बस इसी के चलते उसने अपनी पत्नी का हाथ काट दिया. अब प्रदेश सरकार ने पीड़ित नर्स के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 8 जून को उस नर्स को सरकारी नौकरी और कृत्रिम हाथ लगवाने का आश्वासन दिया. पीड़ित नर्स रेणु खातून को यह भी कहा गया कि राज्य सरकार उनके कटे हुए हाथ के इलाज में आने वाला पूरा खर्च भी उठाएगी. इससे पहले रेणु को इलाज के लिए करीब 57 हजार रुपये खर्च करने पड़े थे. अब मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव एच के द्विवेदी को यह पता लगाने का निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य साथी कार्ड होने के बावजूद उन्हें पैसे क्यों खर्च करने पड़े.
बता दें कि ममता बनर्जी द्वारा शुरू किया गया स्मार्ट कार्ड, अस्पतालों में प्रति परिवार हर साल पांच लाख रुपये तक कैश फ्री इलाज की सुविधा देता है. बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हम रेणु खातून (नर्स) के लिए तीन काम कर रहे हैं. वह नर्सिंग परीक्षा में पैनल में 22 वें नंबर पर थी और अब उसका दाहिना हाथ नहीं है. हम उसे एक नौकरी देंगे जिसमें वह बैठे-बैठे हुए काम कर सकेगी.'
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उन्होंने कहा, 'हम कृत्रिम हाथ लगवाकर भी रेणु की मदद करेंगे. इसके अलावा, राज्य उसके इलाज पर हुए सभी खर्च उठाएगी. उसे सरकार का स्वास्थ्य साथी कार्ड होने के बावजूद 57,000 रुपये खर्च करने पड़ा और यह स्वीकार नहीं है. मैंने मुख्य सचिव से इसका कारण पता लगाने को कहा है.'
पुलिस ने नर्स के पिता अजीजुल हक की शिकायत के पर जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने रेणु के सास-ससुर और उसका हाथ काटने वाले पति को गिरफ्तार कर लिया है.
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