डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में हुई हिंसा की घटनाओं पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है. चुनाव आयोग ने 604 बूथों पर दोबारा मतदान कराने का आदेश दिया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) हिंसा के लिए राज्य चुनाव आयोग और ममता सरकार को लगातार जिम्मेदार ठहरा रही है. जबकि तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय बल को लेकर सवाल उठाए हैं.
बंगाल पंचायत चुनाव में हुई हिंसा के बाद रविवार को चुनाव आयोग ने फैसला लिया कि बंगाल के 604 बूथों पर फिर से मतदान होगा. इसके लिए सोमवार यानी 10 जुलाई को वोट डाले जाएंगे. गौरतलब है कि 8 जुलाई को 74 हजार पंचायतों के लिए वोटिंग हुई. इस दौरान जमकर हिंसा हुई. कई पोलिंग बूथों पर मारपीट, बूथ लूटने और आगजनी करने की घटना सामने आई.
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इन बूथों पर होगा चुनाव
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया, बीरभूम, जलपाईगुड़ी और दक्षिण 24 परगना शामिल हैं. जानकारी के लिए बता दें कि राज्य चुनाव आयोग कार्यालय का दौरा करने के बाद पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने हिंसा को लेकर दुख जताया था. उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र को मिटा दिया गया है. हमने सीसीटीवी कैमरे की जांच और उन क्षेत्रों में पुनर्मतदान कराने की मांग की थी. जहां हिंसा हुई है और सीसीटीवी कैमरे नहीं चल रहे थे.
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पंचायत चुनाव में हुई हिंसा में अब तक 37 लोगों की मौत
पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में हुई हिंसा में अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीएमसी के 11 कार्यकर्ताओं और बीजेपी के तीन, कांग्रेस के तीन, सीपीआईएम के दो कार्यकर्ताओं की जान गई. गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने चुनाव के दौरान हुई हिंसा पर रिपोर्ट मांगी थी. अब बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंदा बोस चुनावी हिंसा पर रिपोर्ट सौंपने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं.
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