Sonam Wangchuk News: दिल्ली पुलिस ने सिंधु बॉर्डर पर सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक सहीत लद्दाख के 130 लोगों को हिरासत में ले लिया है. 4 सूत्रीय मांगो को लेकर आंदोलनकारी 700 किमी लंबी पदयात्रा पूरी करने जा रहे थे. बता दें कि सोनम वांगचुक जैसे ही देर रात हरियाणा से दिल्ली में घुसे पुलिस में उन्हें रोक लिया. पुलिस ने कहा कि यहां उत्तरी और मध्य दिल्ली समेत कई इलाकों BNNS की धारा 163 लागू की गई है. इसके तहत एक जगह पर 5 लोग से अधिक लोग जमा नहीं हो सकते है. यह 5 अक्टूबर तक प्राभावी रहेगा. वहीं मार्च में हिस्सा लेने वाली महिलाओं को हिरासत में नहीं लिया गया है. लेह एपेक्स बॉडी (LAB) द्वारा 'दिल्ली चलो पदयात्रा'आय़ोजित किया गया है.
लद्दाख में संवैधानिक सुरक्षा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर पिछले कुछ वर्षों से आंदोलन चल रहा है. इस आंदोलन का नेतृत्व रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक कर रहे हैं. वांगचुक 1 सितंबर से "लद्दाख से दिल्ली चलो" पदयात्रा शुरू की, जिसमें उन्होंने लद्दाख से जुड़े 4 मेन मुद्दों को उठाया है.
चार मुख्य मांगें:
1- लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा
2- लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करना
3- लोक सेवा आयोग की स्थापना-लद्दाख में एक अलग लोक सेवा आयोग (PSC) की स्थापना की जाए ताकि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिल सकें. फिलहाल लद्दाख के लोग जम्मू-कश्मीर के PSC में अप्लाई करते थे, लेकिन लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह सुविधा खत्म हो गई है.
4- वांगचुक की मांग यह भी है कि लेह और कारगिल दोनों जिलों को अलग-अलग लोकसभा सीटों का प्रतिनिधित्व करने को मिले, जिससे स्थानीय मुद्दों को प्रभावी ढंग से राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जा सके.
अनुच्छेद 370 हटने के बाद से मांगे उठ रही हैं
साल 2019 में जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटा दिया, तब से लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया. हालांकि, लद्दाख में विधानसभा की कमी और संवैधानिक संरक्षण की जरूरत को लेकर लोगों में असंतोष बढ़ रहा है. यहां के लोगों का मानना है कि जब अनुच्छेद 370 था, तब उन्हें कुछ हद तक सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन अब वह सुरक्षा खत्म हो चुकी है.
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पुलिस ने लिया हिरासत में
शुरू हुई पदयात्रा के दौरान, वांगचुक और उनके 150 समर्थकों को दिल्ली की सीमा पर पुलिस ने रोक लिया. वांगचुक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि उन्हें हिरासत में लिया गया है. साथ ही भारी पुलिसबल तैनात किए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस पदयात्रा का उद्देश्य शांति पूर्वक गांधीजी की समाधि तक जाना था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
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