Parliament Attack 2001: आज के ही दिन संसद पर हुआ था कायराना हमला, देश कर रहा शहीदों को नमन

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 13, 2022, 09:59 AM IST

13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुआ था कायराना हमला

Parliament Attacks: 21 साल पहले आज के ही दिन संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था. भारत के वीर जवानों ने इस हमले को नाकाम कर दिया था.

डीएनए हिंदी: साल 2001... तारीख 13 दिसंबर... दिन गुरुवार... सुबह के करीब 11.40 बजे थे, भारतीय संसद में पांच आतंकी एम्बेसडर में सवार होकर एंट्री करते हैं. इस कार पर लाल बत्ती और होम मिनिस्ट्री का स्टीकर लगा हुआ था... और इसके बाद जो होता है वो अगले दिन पूरी दुनिया के अखबारों में फ्रंट पेज की पहली खबर बनता है. आतंकियों ने भारतीय संसद पर हमला कर दिया था.

संसद परिसर में एंट्री के बाद आतंकियों की कार बिल्डिंग के गेट नंबर 12 की तरफ बढ़ रही थी, तभी एक सुरक्षाकर्मी को कुछ शक हुआ. कार को पीछे लौटने पर मजूबर किया गया लेकिन तब तक वह तत्कालीन वाइस प्रेजिडेंट कृष्ण कांत के वाहन से टकरा चुकी थी. इसके बाद AK-47 से लैस आतंकी कार से उतरते हैं और फायरिंग शुरू कर देते हैं.

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फायरिंग शुरू होते ही संसद का अलार्म बजता है. मेन बिल्डिंग के सभी गेट्स बंद कर दिए जाते हैं. संसद में मौजूद सुरक्षा के जवान चारों से तरफ से आतंकियों को घेर लेते हैं. इसके बाद करीब आधे घंटे तक दोनों तरफ से फायरिंग होती है. सभी आतंकियों को ढेर कर दिया जाता है. इस हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, CRPF की एक महिला कांस्टेबल, संसद वॉच एंड वार्ड सेक्शन के दो सुरक्षा सहायक, एक माली और एक फोटो पत्रकार वीर गति को प्राप्त होते हैं.

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युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे भारत-पाकिस्तान
संसद पर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था. पाकिस्तान लश्कर और जैश को फंड करने की बातों से इंकार कर रहा था. दोनों ही देशों की सेनाएं सीमा पर पहुंच गई थीं. पश्चिमी मीडिया ने तो यह तक अंदेशा जता दिया था कि भारत और पाकिस्तान दोनों के बीच परमाणु युद्ध छिड़ सकता है. घबराया पाकिस्तान अमेरिका से मदद मांगने तक पहुंच गया था. संसद पर हमले के एक महीने बाद ही तब के ब्रिटिश पीएम टोनी ब्लेयर भारत आते हैं. अमेरिका भी लश्कर और जैश को आतंकी घोषित कर देता है. 12 दिसंबर को परवेज मुशर्रफ भारतीय ससंद पर हमले की निंदा करते हैं और भारतीय संसद पर हमले को 9/11 की आतंकी घटना के समान बताते हैं.

हमले के बाद क्या हुआ?
जिस दिन संसद पर हमला हुआ, उसी दिन दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की. इसके कुछ दिनों के भीतर ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार लोगों को गिरफ्तार किया. इन चारों की गिरफ्तारी उस कार से मिले लिंक से हुई जिसका इस्तेमाल आतंकियों ने किया था. इसके अलावा सेलफोन के रिकॉर्ड्स से भी अहम जानकारी मिली. पुलिस ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया, उनमें पूर्व JKLF आतंकी मोहम्मद अफजल गुरु, उसका कजिन शौकत हुसैन गुरु, शौकत की पत्नी अफसान गुरु और डीयू में अरबी का लेक्चरार SAR गिलानी.

अफजल गुरु को हुई फांसी
कोर्ट ने अफसान को रिहा कर दिया जबकि गिलानी, शौकत और अफजल को मौत की सजा सुनाई. गिलानी को 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा "सबूतों के अभाव" में बरी कर दिया गया. साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने शौकत को 10 साल की सजा सुनाई जबकि 2013 में अफजल गुरु को फांसी की सजा दी गई. अफजल गुरु की डेडबॉडी तिहाड़ जेल में दफना दी गई.

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