दिल्ली की हवा दमघोंटू हो ती जा रही है. लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, साथ ही कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो रही है. बात करें AQI की तो ये 450 के पार जा चुका है. यानी की दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है. स्थिति को देखते हुए यहां ग्रैप 4 लागू किया गया है. इसके लागू होते ही आपको कई चीजों से परहेज करना होगा. ऐसे में आपकी लाइफस्टाइल भी प्रभावित हो सकती है.
जानें क्या होता है ग्रैप 4
ग्रैप मतलब Graded Response Action Plan (GRAP) होता है. यह वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए एक कदम है. दिल्ली का AQI 450 पार पहुंच चुका है. दिल्ली और उसके आसपास की हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए ग्रैप के चार चरण बनाए गए हैं. इसमें ग्रेप-1 तब लगाया जाता है जब हवा की गुणवत्ता 201 से 300 पर पहुंच जाती है. ग्रेप-2 तब लागू किया जाता है जब एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंच जाता है. हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (एक्यूआई 401 से 450) पर ग्रेप-3 और एक्यूआई 450 से ज्यादा होने पर ग्रेप-4 लागू किया जाता है. आपको बता दें कि सबसे पहले GRAP जनवरी 2017 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया था. नवंबर 2016 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) इस योजना को लेकर आया था. इसके बाद 2016 में इसे सुप्रीम कोर्ट से स्वीकृति मिली थी. कई बैठकों के बाद इस नियम को पूरी तरह से तैयार किया गया.
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कैसे होगी आपकी लाइफ प्रभावित
दिल्ली का AQI 450 के पार पहुंच गया है. ऐसे में खराब हवा के कारण आपकी जिंदगी कई तरह से प्रभावित हो सकती है. हवा में ऑक्सीजन का लेवल कम होने की वजह से रात में आपकी नींद प्रभावित हो सकती है. स्किन और बाल भी खराब हो सकते हैं. आखें लाल हो सकती हैं और काम करने में तकलीफ महसूस हो सकती है.
इन चीजों पर रहेगी पाबंदी
- दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 लागू होने के बाद जरूरी सेवाओं, CNG-इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर अन्य सभी ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी ई है.
- दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी कर्मिशियल वाहनों पर रोक रहेगी.
- 10वीं-12वीं को छोड़कर सभी कक्षाओं की क्लासेस ऑनलाइन चलेंगी.
- सरकारी और प्राइवेट ऑफिस 50% क्षमता के साथ चल सकते हैं, ऑफिस अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का फैसला ले सकते हैं.
- राज्य सरकारें प्रदूषण को देखते हुए सड़कों पर ईवन-ऑड के आधार पर निजी वाहनों के संचालन पर फैसला ले सकती है.
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