CAA का फुलफॉर्म, जानिए CAA Notification से कानून में क्या-क्या होगा बदलाव

Written By कविता मिश्रा | Updated: Mar 11, 2024, 07:44 PM IST

CAA Notification

CAA Notification: मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लागू करने का ऐलान कर दिया है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले मोदी सरकार (Modi government) ने बड़ा फैसला लिया है.

लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने CAA  का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इस कानून के जरिए 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारत की नागरिकता मिल सकती है.  इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि CAA फुलफॉर्म क्या है और सीएए कानून से क्या बदलाव होंगे?

CAA का फुल फॉर्म सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट(Citizenship Amendment Act) है और हिंदी में इसे नागरिकता संशोधन अधिनियम कहते हैं. भारतीय संसद में CAA को वर्ष 2019 में 11 दिसंबर को पारित किया गया था, जिसमें 125 वोट इसके पक्ष में पड़े थे और 105 वोट इसके खिलाफ थे. राष्ट्रपति ने इस विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी दे दी थी. सीएए के तहत नागरिकता पाने का आवेदन ऑनलाइन ही होगा. इसे लेकर एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है.


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 सीएए कानून क्या है? (What is CAA law?)

नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (Citizenship Amendment Act) एक ऐसा कानून है, जिसके तहत दिसंबर 2014 से पहले तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को नागरिकता दी जाएगी. नागरिकता संशोधन बिल पहली बार 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था. यहां से तो ये पास हो गया था लेकिन राज्यसभा में अटक गया था. बता दें कि इस कानून के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है, जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बगैर घुस आए हैं या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत आए हैं लेकिन समय बीत जाने के बाद भी वह अपने देश वापस नहीं गए हैं.


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सीएए कानून लागू होने के बाद होगा ये बदलाव

CAA लागू होने के बाद नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास होगा. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी. नागरिकता पाने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही रखी गई है, जिसे लेकर एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया. नागरिकता पाने के लिए आवेदकों को अपना वह साल बताना होगा, जब उन्होंने बिना किसी दस्तावेज के भारत में आए थे.  नागरिकता पाने के लिए आवेदकों से किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. पात्र विस्थापितों को सिर्फ ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन करना होगा. जिसके बाद गृह मंत्रालय आवेदन की जांच करेगा और आवेदक को नागरिकता जारी कर दी जाएगी.
 

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