Lok Sabha Elections 2024: क्या है वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन, जिसे 24 की जंग में कांग्रेस के खिलाफ ब्रह्मास्त्र मान रही है भाजपा?

Written By बिलाल एम जाफ़री | Updated: Apr 25, 2024, 05:40 PM IST

जनता को संबोधित करते पीएम मोदी

Wealth Redistribution Controversy : पीएम मोदी की रैलियों में वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन एक बड़े मुद्दे की तरह पेश किया जा रहा है. तो हमारे लिए भी ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि आखिर वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन है क्या? और क्यों इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस में दो फाड़ दिख रही है. 

Wealth Redistribution Controversy : बीते दिनों राजस्थान में हुई एक रैली में पीएम मोदी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शहजादे कहते हैं कि अगर उनकी सरकार आई तो वे जांच करेंगे कि कौन कितना कमाता है और उसके पास कितनी जायदाद है. इसके बाद सरकार उस प्रॉपर्टी को रीडिस्ट्रिब्यूट कर देगी. ये उनका चुनावी घोषणापत्र कह रहा है. कांग्रेस पार्टी पर प्रधानमंत्री के इस आरोप के बाद सोशल मीडिया पर वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया है.

चाहे वो माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट X हो या फिर फेसबुक तमाम लोग वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन के मुद्दे पर अपना पक्ष रख रहे हैं. ध्यान रहे लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर  संपत्ति के बंटवारे पर पूर्व में ही काफी घमासान मचा था. ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा कही बात ने कांग्रेस पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है.

भाजपा बार बार यही कह रही है कि अगर कांग्रेस को अवसर मिला तो वो जनता के पैसे लेकर उसे 'घुसपैठियों' और और 'ज्यादा बच्चे वाले' परिवारों में बांट देगी. चूंकि वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन एक बड़े मुद्दे की तरह पेश किया जा रहा है. तो हमारे लिए भी ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि आखिर वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन है क्या? और क्यों इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस में दो फाड़ दिख रही है. 

क्या है वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन का अर्थ 

इसे समझने के लिए हमें कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो को देखना होगा, जिसके तहत राहुल गांधी ने संपत्ति के दोबारा बंटवारे को मुद्दा बनाया था. राहुल ने कहा था कि पहले हम कास्ट सेंसस करेंगे ताकि कुल आबादी और उसमें पिछड़ा वर्ग, एससी, एससी, माइनोरिटी और बाकी जातियों का स्टेटस पता चल सके. इसके बाद फाइनेंशियल सर्वे होगा, जिसके बाद हम संपत्ति, नौकरियों और बाकी वेलफेयर स्कीम्स को बांटने का ऐतिहासिक काम शुरू करेंगे. 

अगर इसे आसान शब्दों में समझना हो तो हम बस इतना ही कहेंगे कि अमीर लोगों या ये कहें कि ज्यादा पैसे वाले लोगों से पैसे लेकर उन्हें टैक्स या चैरिटी जैसे किसी माध्यम से गरीबों के बीच बांटा जाएगा.

पीएम मोदी इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को घेरते हुए कुछ भी कह लें. लेकिन ये अपने में दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि विकास की बड़ी बड़ी बातों के बीच आज भी भारत में अमीरों और गरीबों के बीच एक बड़ी असमानता दिखाई पड़ती है.

हालात कैसे हैं? इसका अंदाजा पेरिस स्थिति संस्था वर्ल्ड इनइक्वैलिटी लैब की उस रिपोर्ट से लगाया जा सकता है जिसमें कहा गया है की सबसे ज्यादा इनकम गैप वाले कुछ देशों में भारत भी शामिल है. 

इसमें कोई शक नहीं है कि वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन के तहत कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी संकट में हैं बावजूद इसके पार्टी की तरफ से अपनी सफाई में यही कहा जा रहा है कि कांग्रेस एक ऐसी पॉलिसी बनाना चाहते हैं जिससे अमीर-गरीब के बीच की खाई पट सके. 

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