डीएनए हिंदीः बीजेपी (BJP) ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरी कर दी है. बीजेपी की नजर ईसाई वोटरों पर है. शुक्रवार को RSS की संस्था राष्ट्रीय ईसाई मंच (RSS Isai Manch) ने चर्च के पादरियों और ईसाई नेताओं के लिए भोज का आयोजन किया. खास बात यह है कि इसमें खास तौर पर देशभर के ईसाई नेताओं को आमंत्रित किया गया. इनकी मेजबानी भी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जॉन बरला ने खुद की.
पहली बार आयोजित हुआ ऐसा कार्यक्रम
बता दें कि केंद्र में जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है उसके बाद ऐसा कार्यक्रम पहली बार आयोजित हुआ है. ईसाई नेताओं के लिए भोज के लिए खास तौर पर केरल, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, झारखंड और मध्य प्रदेश समेत 7 राज्यों के चर्च प्रमुखों को न्योता भेजा गया था. बता दें कि देश में लोकसभा की ऐसी 19 सीटें हैं जहां ईसाई आबादी 20 फीसदी से अधिक है.
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2019 में बना था राष्ट्रीय ईसाई मंच
बता दें कि 2019 के अंत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ईसाई समुदायों को साधने के लिए राष्ट्रीय ईसाई मंच बनाया. इस मंच की कमान कभी सोनिया गांधी के करीबी रहे टॉम वडक्कन को दी गई है. गौरतलब है कि वडक्कन बीजेपी के प्रवक्ता भी हैं और देशभर में ईसाई समुदायों के साथ लगातार बैठक भी करते हैं. संघ ने 2016 में पहली बार ईसाई मंच बनाने का पहल किया था, लेकिन चर्चों के बीच बात नहीं बन पाई थी. इसके बाद मुस्लिम मंच के कॉर्डिनेटर और प्रचारक इंद्रेश कुमार को इसे बनानी की जिम्मेदारी दी गई.
बीजेपी की नजर ईसाई वोटरों पर क्यों?
बता दें कि कई राज्यों में चर्च पर हमलों के बाद केंद्र सरकार पर इसे लेकर सवाल उठे थे. इसके बाद बीजेपी ने सबका साथ सबका विकास की रणनीति के तहत भोज का निमंत्रण भेजा है. ईसाई समुदाय को साधने के पीछे की सबसे बड़ी वजह लोकसभा चुनाव 2024 है. झारखंड, केरल और पूर्वोंतर राज्यों में ईसाईयों की आबादी काफी तादाद में है. CSDS के डेटा के मुताबिक देश की 19 लोकसभा सीटें ऐसी है, जहां ईसाई आबादी 20% से ज्यादा है. इतनी ही नहीं देश की दो लोकसभा सीटें ऐसी भी हैं जहां 85 फीसदी ईसाई वोटर्स हैं.
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बीजेपी ने जीती थीं 19 में से 5 सीटें
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 2014 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसमें 8 पर कांग्रेस और 6 पर अन्य को जीत मिली थी. 2019 में बीजेपी की सीटें और कम हो गई. इस चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 4 सीटों पर जीत मिली. वहीं कांग्रेस को 10 और 5 को अन्य पर जीत मिली. भारत में इन पांच राज्यों में ईसाई आबादी सबसे अधिक हैं. इनमें झारखंड में 4.3 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 1.92 फीसदी, ओडिसा में 2.77 फीसदी, गुजरात में 0.52 फीसदी और मध्य प्रदेश में 0.29 फीसदी है.
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