फिर सुर्खियों में सुनंदा पुष्कर की मौत का केस, कोर्ट ने थरूर को जारी किया नोटिस, जानिए पूरा मामला

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 01, 2022, 01:28 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने शशि थरूर को जारी किया नोटिस

16 जनवरी 2014 को सुनंदा पुष्कर और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर जमकर विवाद हुआ. यह थरूर के मेहर तरार से कथित अफेयर को लेकर था.

डीएनए हिंदी: सुनंदा पुष्कर की मौत को 8 साल का वक्त बीत चुका है. इस मामले में उनके पति और कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को क्लीन चीट भी मिल चुकी है लेकिन अब एकबार फिर से उनकी मश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने शशि थरूर को सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने यह नोटिस दिल्ली पुलिस द्वारा पुनरीक्षण याचिका दायर करने में हुई देरी के लिए की मांग वाली एक अर्जी पर जारी किया. सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर का बचाव कर रहे सीनियर एडवोकेट विकास पाहवा ने कोर्ट को अवगत कराया कि मुकदमे के दौरान, निचली अदालतों और हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न आदेश पारित किए गए थे जहां इस मामले के रिकॉर्ड को किसी के साथ साझा नहीं किया जाना चाहिए. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए 23 जनवरी 2023 को लिस्ट किया है.

क्यों सुनंदा पुष्कर की मौत पर है विवाद?
सबसे पहले आपको बताते हैं कि सुनंदा पुष्कर कौन हैं. कश्मीरी हिंदू परिवार से ताल्लुक रखने वाली सुनंदा पुष्कर का जन्म 1962 में हुआ था. वह साल 1990 में अपने परिवार के साथ जम्मू शिफ्ट हो गईं. कश्मीर में उनके घर को जला दिया गया था. वह 16 जनवरी 2014 को दिल्ली के लीला होटल में मृत पाई गईं. 

सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले को हाल के दिनों में सबसे रहस्यमय और विवादास्पद मामलों में से एक माना जात है. उनके पति शशि थरूर पर उनकी हत्या के आरोप भी लगे. दरअसल 16 जनवरी 2014 को सुनंदा पुष्कर और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर जमकर विवाद हुआ. यह थरूर के मेहर तरार से कथित अफेयर को लेकर था. सुनंदा ने मेहर तरार पर ISI एजेंट होने के आरोप लगाए. मेहर ने इन आरोपों को गलत बताया. चौंकाने वाली बात यह है कि सुनंदा की टाइमलाइन से थोड़ी देर बाद ये सारे ट्वीट डिलीट हो गए.

इसके अगले दिन सुनंदा पुष्कर दिल्ली के होटल लीला पैलेस में मृत पाई गईं. उनकी मौत के दो दिन बाद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर्स ने कहा कि यह अचानक, अप्राकृतिक मौत का मामला प्रतीत होता है. उनके शरीर पर चोट के निशान थे. उनके पेट पर  एंटी एंग्जायटी ड्रग्स अल्प्राजोलम के मामूली निशान पाए गए थे.

बाद में इस मामले में AIIMS के डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने दावा किया कि उनपर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हेराफेरी करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. सुधीर गुप्ता ने बताया कि सुनंदा पुष्कर के शरीर पर चोट के 15 निशान थे. इन चोटों की वजह से सुनंदा की मौत नहीं हुई लेकिन शरीर पर मिले दो अन्य निशान काफी चौंकाने वाले थे. इनमें से एक इंजेक्शन का निशान था और दूसरा काटने का. ये दोनों ही निशान संदेश पैदा करने वाले थे. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर के  पेट में अल्प्राजोलम दवा की अधिक मात्रा मौजूद थी.

6 जनवरी 2015 को तत्कालीन दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा कि पुष्कर ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या की गई है. इस बीच सुनंदा के विसरा के सैंपल जांच के लिए वाशिंगटन भेजे गए. FBI ने कहा कि उसके विसरा के नमूनों में रेडिएशन स्वीकार्य स्तरों के भीतर था. यह उनकी मृत्यु की वजह नहीं था. इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने हर समय यही कहा है कि सुनंदा की मौत में साजिश की गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस बात के सबूत हैं कि रूसी जहर का इस्तेमाल कर उनकी हत्या की गई थी. दिल्ली की कोर्ट ने 18 अगस्त 2021को शशि थरूर को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया.

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