डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की संसद की नई इमारत का उद्घाटन कर दिया है. पूजा पाठ और सर्व धर्म प्रार्थना के साथ यह इमारत औपचारिक रूप से देश को समर्पित कर दी गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि संसद का अगला सत्र नई संसद में ही आयोजित होगा और पुरानी इमारत को पूरी तरह से खाली कर दिया जाएगा. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि फिर पुरानी संसद का क्या होगा. क्या इसे गिराया जाएगा? संरक्षित किया जाएगा या फिर इसे किसी और काम में इस्तेमाल किया जाएगा? आइए इसी का जवाब जानते हैं.
पुरानी संसद के मुकाबले नई संसद काफी हाइटेक, ज्यादा जगह वाली और नई सुविधाओं से लैस है. राज्यसभा की 348 वाले सदन को राष्ट्रीय पुष्प कमल की तरह बनाया गया है. इसके अलावा, लोकसभा सदन को राष्ट्रीय पक्षी मोर की आकृति दी गई है. नई लोकसभा में स्पीकर की कुर्सी के पास ही ऐतिहासिक सेंगोल को स्थापित किया गया है. खुद पीएम मोदी ने पूजा-अर्चना के बाद इसे स्थापित किया.
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पुरानी संसद का क्या होगा?
बता दें कि साल 1921 से 1927 के बीच बनाए गए पुराने संसद भवन को बनाने में कुल 83 लाख रुपये खर्च किए गए थे. अब नई संसद की कार्यवाही नई इमारत में होगी ऐसे में पुराने संसद भवन का इस्तेमाल संसदीय आयोजनों के लिए किया जाएगा. इसके अलावा, पुरानी संसद के एक हिस्से को म्यूजियम में भी बदला जाएगा. साथ ही, पुरानी संसद की इमारत को थोड़ा अपग्रेड करके आधुनिक सुविधाओं के लिए लैस किया जाएगा.
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बता दें कि नई संसद की लोकसभा में 888 सांसदों और राज्यसभा में 348 सांसदों के बैठने का इंतजाम किया गया है. इसके अलावा, संयुक्त सत्र के लिए बनाए गए हॉल में 1271 सीटें लगाई गई हैं. नई संसद में भी पुरानी संसद की तरह ही ऑफिस बनाए गए हैं. सांसदों की हर सीट पर डिजिटल स्क्रीन लगाए गए हैं.
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