डीएनए हिंदी: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राजस्थान में तमाम दावेदारों को किनारे करते हुए भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया है. पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा के बारे में अब रोचक बातें सामने आ रही हैं. लंबे समय से बीजेपी से जुड़े भजन लाल शर्मा एक समय पर बीजेपी के ही खिलाफ चुनाव लड़ गए थे. यह बात काफी पुरानी है लेकिन अब मुख्यमंत्री बने भजन लाल शर्मा के बारे में सारी बातें खुलकर सामने आ रही हैं. इस बार उन्हें बीजेपी के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सांगानेर सीट से चुनाव लड़ाया गया था और वह 48 हजार वोटों से चुनाव जीते.
राजस्थान के नवमनोनीत मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा (56) पिछले 34 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं, उन्होंने एक बार बीजेपी के बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और अपनी जमानत गंवा दी थी. भजन लाल शर्मा ने 2003 में राजस्थान सामाजिक न्याय मंच का प्रतिनिधित्व करते हुए बीजेपी के बागी के रूप में भरतपुर के नदबई से विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह केवल 5,969 वोटों के साथ पांचवें स्थान पर रहे, जिससे उनकी जमानत जब्त हो गई क्योंकि निर्दलीय उम्मीदवार कृष्णेंद्र कौर (दीपा) ने 27,299 वोट प्राप्त करके चुनाव जीता.
यह भी पढ़ें- भजन लाल शर्मा होंगे राजस्थान के नए CM, BJP का चौंकाने वाला फैसला
सांगानेर से जीते हैं चुनाव
कृष्णेंद्र कौर ने बीएसपी के संजय सिंह, कांग्रेस के यशवंत सिंह रामू और बीजेपी के जितेंद्र सिंह को अच्छे अंतर से हराया. आपको बता दें कि बीजेपी ने राजस्थान में सबको चौंकाते हुए पहली बार विधायक बने भजन लाल को राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री नामित किया है. 25 नवंबर के विधानसभा चुनाव में जयपुर जिले के सांगानेर से चुने गए भजन लाल शर्मा बीजेपी की राज्य इकाई में पदाधिकारी रहे हैं.
यह भी पढ़ें- कौन हैं राजस्थान के नए CM भजन लाल शर्मा, राजनीति में ऐसे रखा था कदम
भरतपुर के निवासी होने के कारण चुनाव से पहले सांगानेर में कुछ लोगों ने शर्मा को 'बाहरी' करार दिया था. हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48,081 वोटों से हराकर भारी अंतर से जीत हासिल की. भजन लाल शर्मा जिन्हें पार्टी संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) दोनों के करीबी माना जाता है, चार राज्य बीजेपी अध्यक्षों - अशोक परनामी, मदन लाल सैनी, सतीश पूनिया और सी.पी. जोशी के तहत राज्य महासचिव रहे हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.