Abu Salem: कब जेल से बाहर आएगा अबू सलेम? सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सजा पूरी होने पर सरकार छोड़ने के लिए बाध्य

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 11, 2022, 01:26 PM IST

अबू सलेम

Abu Salem ने दावा किया था कि भारत में उसकी कैद 2027 से ज़्यादा नहीं हो सकती. कोर्ट ने उसके दावे को खारिज कर दिया. ऐसे में साल 2030 में ही उसकी रिहाई संभव हो सकेगी. अबू सलेम का कहना था कि पुर्तगाल से हुए उसके हुए प्रत्यर्पण में तय शर्तों के मुताबिक उसकी कैद 25 साल से अधिक नहीं हो सकती.

डीएनए हिंदी: डॉन अबू सलेम ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले पर फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि गैंगस्टर अबू सलेम की 25 साल की सजा पूरी होने सरकार को उसे छोड़ने ही होगा. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि केंद्र पुर्तगाल के समक्ष जताई गई अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने और 1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में गैंगस्टर अबू सलेम की 25 साल की सजा पूरी होने पर उसे रिहा करने के लिए बाध्य है. पीठ ने कहा, "आवश्यक कागजात 25 वर्ष पूरे होने के एक महीने के अंदर आगे बढ़ाए जाएं. वास्तव में, सरकार 25 साल पूरे होने पर एक महीने की समयावधि के भीतर CRPC के तहत छूट के अधिकार का प्रयोग कर सकती है."

सलेम को सुनाई गई है आजीवन कारावास की सजा
एक विशेष टाडा अदालत ने 25 फरवरी 2015 को अबू सलेम को 1995 में मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन की उसके ड्राइवर मेहंदी हसन के साथ हत्या करने के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. मुंबई में 1993 के श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के दोषियों में से एक अबू सलेम को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 11 नवंबर 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था. 

अबू सलेम ने दी क्या दलील
गैंगस्टर अबू सलेम ने कहा था कि 2002 में उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत द्वारा पुर्तगाल को दिए गए एक आश्वासन के अनुसार उसकी सजा 25 साल से अधिक नहीं हो सकती है. न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत शक्ति के प्रयोग और सजा पूरी होने को लेकर राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के तहत भारत के राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए बाध्य है.

पढ़ें- Indian Currency Printing Rule: कहां से आते हैं नोट, कौन लेता है नोट छापने का फैसला? जानें पूरी डिटेल

सलेम ने दावा किया था कि भारत में उसकी कैद 2027 से ज़्यादा नहीं हो सकती. कोर्ट ने उसके दावे को खारिज कर दिया. ऐसे में साल 2030 में ही उसकी रिहाई संभव हो सकेगी. अबू सलेम का कहना था कि पुर्तगाल से हुए उसके हुए प्रत्यर्पण में तय शर्तों के मुताबिक उसकी कैद 25 साल से अधिक नहीं हो सकती. लेकिन मुंबई की टाडा कोर्ट ने उसे दो मामलों में उम्र कैद की सज़ा सुनाई है.

पढ़ें- महंगाई के बावजूद भारत में कैसे बढ़ रही डीज़ल-पेट्रोल की मांग? समझिए तेल का पूरा खेल

सलेम का कहना था कि चूंकि भारत सरकार ने 25 साल से अधिक की सज़ा न मुकर्रर करने का वायदा साल 2002 में किया था. वो तब से पुर्तगाल पुलिस की हिरासत में आ गया था. लिहाजा उसे रिहा करने के लिए 2002 की तारीख को आधार बनाया जाना चाहिए क्योंकि इस हिसाब से 25 साल की समय सीमा 2027 में खत्म होती है. सरकार ने इसका विरोध किया था. सरकार का कहना था सलेम को 2005 में भारत लाया गया था. इसलिए उसकी रिहाई पर फैसला लेने का सवाल 2030 में आएगा.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Abu Salem Supreme Court