अब कहां हैं शिवराज सिंह चौहान की तरह हटाए गए BJP के सीएम, किसे, कहां मिला काम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 15, 2023, 08:05 AM IST

Ex Chief Ministers

Ex Chief Ministers of BJP: पिछले 10 साल में बीजेपी ने अपने ही कई मुख्यमंत्रियों को हटाया है या फिर उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया गया है.

डीएनए हिंदी: 2014 के बाद से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सितारे बुलंद हैं. प्रचंड बहुमत और लगभग एकमत केंद्रीय नेतृत्व की वजह से बीजेपी के हौसले इतने बुलंद हैं कि उसने इन सालों में अपने 10 मुख्यमंत्री बदल डाले हैं. कांग्रेस की तुलना में देखें तो बीजेपी में कहीं पर भी इस फैसले के खिलाफ विरोध देखने को नहीं मिला है. बीजेपी ने राज्यों में तमाम समीकरणों को किनारे रखते हुए नए समीकरण से मुख्यमंत्री बनाए और कुछ राज्यों में उन्हीं के नाम पर चुनाव भी जीते. अब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी ने ऐसे नेताओं को किनारे कर दिया है जिनका कोई विकल्प ही नहीं समझा जा रहा था.

बीजेपी ने लंबे समय से अपने पुराने नेताओं को भले ही अहम पदों से हटाया हो लेकिन उनके अनुभव का भरपूर इस्तेमाल किया है. इसमें कुछ ऐसे नेता भी हैं जिन्हें राज्यपाल के पद दिए गए हैं, कुछ को संगठन में जिम्मेदारी दी गई है तो कुछ ऐसे भी हैं जो राजनीति में सक्रिय हैं लेकिन उनकी भूमिका बदल गई है. आइए समझते हैं कि वे कौन-कौन से नेता हैं जिन्हें CM पद से हटाया गया है और अब वे नई भूमिका निभा रहे हैं.

बीजेपी ने उत्तराखंड में बदले दो CM
उत्तराखंड में साल 2017 में बीजेपी को जीत मिली तो कई चेहरे थे जिनको CM पद की रेस में माना जा रहा था. बीजेपी ने इन सबको किनारे रखते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत को CM बनाया गया. हालांकि, 4 साल बाद उन्हें हटाकर तीरथ सिंह रावत को पद मिला. चुनाव से ठीक पहले तीरथ सिंह रावत को भी हटाया गया और पुष्कर सिंह धामी को CM बनाया गया. धामी की अगुवाई में बीजेपी चुनाव जीतकर आई और वही सीएम भी बने.

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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2022 में विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा. वहीं, तीरथ सिंह रावत CM बनने से पहले लोकसभा के सांसद थे. कुछ महीने CM रहने के बावजूद वह न तो कभी विधानसभा के सदस्य बने और न ही लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया. वह अभी भी उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के सांसद हैं.

पूर्वोत्तर में भी बदले मुख्यमंत्री
असम की पिछली सरकार में सर्वानंद सोनोवाल CM थे और हिमंत बिस्व सरमा उनकी सरकार में मंत्री. बीजेपी दोबारा जीती तो हिमंत को CM बनाया गया और सर्बानंद सोनोवाल को केंद्र में मंत्री बनाकर समायोजित कर लिया गया. इसी तरह त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले बिप्लब देब को हटाकर माणिक साहा को मुख्यमंत्री बनाया गया था. बिप्लब देब अब बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं और कई राज्यों के चुनाव में अहम भूमिका निभा चुके हैं.

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मुख्यमंत्री बदलने की योजना के तहत ही बीजेपी ने कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा का इस्तीफा करवाया था. लिंगायत समुदाय में येदियुरप्पा की पकड़ को देखते हुए ही बीजेपी ने बी एस येदियुरप्पा के बेटे बी विजयेंद्र को कर्नाटक बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्त किया है. वहीं, येदियुरप्पा के बाद सीएम बने बसवराज बोम्मई अब कर्नाटक में ही विधायक हैं और राज्य में कांग्रेस की सरकार आ गई है.

गुजरात में जमकर हुए बदलाव
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजरात के CM थे. उनके आगे कोई दूसरा नेता ही नहीं था ऐसे में जब पद खाली हुआ तो आनंदी बेन पटेल को CM बनाया गया. बाद में उन्हें हटाकर विजय रुपाणी को सीएम बनाया गया. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूरी सरकार बदल दी गई और भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री बनाए गए. अब आनंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं. वहीं, विजय रुपाणी के बारे में चर्चा है कि 2024 में वह लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं.

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15 साल तक छत्तीसगढ़ के सीएम रहे रमन सिंह को भी इस बार मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया. नई सरकार में उन्हें स्पीकर पद दिया गया है. ठीक इसी तरह शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे को भी सीएम नहीं बनाया गया. अभी इन दोनों नेताओं की आगामी भूमिका के बारे में ज्यादा बातें स्पष्ट नहीं हैं. हालांकि, शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वह अपने लिए कोई पद मांगने से बेहतर मरना पसंद करेंगे.

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