देश में लोकसभा चुनाव चंद ही दिनों में शुरू होने वाले हैं. एक-दो हफ्ते केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा. हर बार चुनाव में वोट डालने वालों की उंगली पर एक स्याही लगाई जाती है. यह स्याही आसानी से छूटती नहीं है और कई दिनों तक उंगली पर बरकरार रहती है. इससे पहचान होती है कि कौन वोट डाल चुका है और कौन नहीं. इस बार लोकसभा चुनाव के लिए इस स्याही (indelible ink) की 26 लाख शीशियां सप्लाई करने का ऑर्डर मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड को सौंपा गया है.
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. चुनाव आयोग ने आखिरी मतदाता सूची तैयार करने के बाद बताया है कि इस साल कुल मतदाताओं की संख्या 97 करोड़ से ज्यादा है. कहा जा रहा है कि इस बार त्योहारों को ध्यान में रखते हुए सात या 9 चरणों में लोकसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं.
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1962 से यही कंपनी बना रही है वोट वाली स्याही
यह स्याही वोट डालने वाले मतदाताओं की बाईं तर्जनी पर गहरा बैंगनी निशान छोड़ती है. बता दें कि कर्नाटक सरकार की यह कंपनी 1962 से केवल चुनाव आयोग के लिए स्याही का निर्माण कर रही है. यह स्याही वोट देने वाले शख्स के बाएं हाथ की तर्जनी उंगली पर इस बात के प्रमाण के रूप में लगाई जाती है कि उसने मतदान किया है.
मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के. मोहम्मद इरफान ने बताया, "हमारा कुल ऑर्डर स्याही की लगभग 26.5 लाख शीशियों का है. आज तक, कुल ऑर्डर का लगभग 60 प्रतिशत राज्यों को भेज दिया गया है." उन्होंने कहा कि लगभग 24 राज्यों को उनके हिस्से की स्याही उपलब्ध करा दी गई है. इरफान ने कहा कि शेष ऑर्डर 20 मार्च के आसपास पूरा कर लिया जाएगा.
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स्याही की 10 मिलीलीटर की शीशी का इस्तेमाल लगभग 700 लोगों की उंगलियों पर निशान लगाने के लिए किया जा सकता है. एक मतदान केंद्र पर करीब 1200 मतदाता होते हैं.
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