डीएनए हिंदी: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में पहले भी कई बार बगावत हुई. कई बार नेता दूसरी पार्टियों में गए. अजित पवार भी पहले कई बार नाराज हुए लेकिन इस बार जो हुआ है उससे पवार परिवार टूटता दिख रहा है. अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से न सिर्फ बगावत की बल्कि उन पर जमकर शब्द बाण छोड़े. इसके जवाब में सुप्रिया सुले ने अपने 'अजित दादा' को कह दिया कि कुछ भी बोलें लेकिन 'बाप पर न जाएं'. अब चर्चा है कि अजित पवार के भतीजे युगेंद्र पवार पूरी कोशिश कर रहे हैं कि परिवार एकजुट रहे. इन्हीं कोशिशों के क्रम में मंगलवार को कुछ अहम मुलाकातें हुई हैं जिन्हें सुलह की दिशा में बढ़ाया गया कदम कहा जा रहा है.
प्रत्यक्ष तौर पर राजनीति से दूर दिखने वाले युगेंद्र पवार अचानक से तब चर्चा में आ गए जब वह अपने दादा शरद पवार से मिलने पहुंचे. इस मीटिंग के बारे में कयास लगाए ही जा रहे थे कि युगेंद्र पवार के पिता और अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार अपने भाई अजित पवार से मिलने पहुंच गए. चर्चा है कि बाप-बेटे की यह जोड़ी चाचा-भतीजे की राजनीतिक जोड़ी को फिर से करीब लाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि युगेंद्र पवार और शरद पवार की मीटिंग के आधार पर ही श्रीनिवास पवार ने अजित पवार से बात की है और कोई रास्ता निकालने का प्रयास भी किया जा रहा है.
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कौन हैं युगेंद्र पवार?
अजित पवार के बड़े भाई का नाम है श्रीनिवास पवार. इन्हीं श्रीनिवास पवार के बेटे का नाम युगेंद्र पवार है. युगेंद्र पवार की ट्विटर प्रोफाइल के मुताबिक वह Sharayu Agro के सीईओ हैं. इसके अलावा, वह बारामती तालुका के कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं. बीते कुछ दिनों में युगेंद्र पवार ने अजित पवार को डिप्टी सीएम बनने पर बधाई भी दी है और शरद पवार की वह तस्वीर भी शेयर की है जिसमें वह बारिश में भीगे हुए और गाड़ी में बैठते नजर आ रहे हैं. यानी उनकी ट्विटर टाइमलाइन भी दिखा रही है कि वह इस पूरे घटनाक्रम में किसी एक पक्ष में नहीं जाते दिख रहे हैं. हालांकि, बीते कुछ दिनों में युगेंद्र पवार राजनीति में सक्रिय होते भी दिख रहे हैं.
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कहा जाता है कि युगेंद्र पवार अजित पवार के काफी करीबी हैं. 2019 में जब अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ जाकर शपथ ले ली थी तब भी युगेंद्र पवार के पिता श्रीनिवास पवार ने ही मध्यस्थता की थी और अजित पवार लौट आए थे. इसके बावजूद युगेंद्र पवार ने कहा है कि शरद पवार से उनकी मुलाकात निजी थी और इसके कोई राजनीतिक मायने नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह राजनीति और परिवार को अलग ही रखते हैं.
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