डीएनए हिंदी: सियाचिन ग्लेशियर 15 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर मौजूद है. यह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है. इंडियन आर्मी (Indian Army) ने यहां पहली बार अपनी महिला अधिकारी को तैनात किया है. कैप्टन शिवा चौहान (Captain Shiva Chauhan) पहली महिला अधिकारी बनी हैं जिन्हें भारत की इस बर्फीली सरहद की रखवाली का जिम्मा मिला है. कैप्टन शिवा चौहान इंजीनियर रेजिमेंट के बंगाल सैपर ग्रुप की अधिकारी हैं. सियाचिन में उनकी जिम्मेदारी सैनिकों की जरूरत के हिसाब से निर्माण करने और उनका रख-रखाव करने की है. उनका काम सैनिकों के लिए बनाए जाने वाले बंकरों के निर्माण का है.
सियाचिन ग्लेशियर पर 1980 के दशक से पहले किसी सैनिक की तैनाती के बारे में सोचा भी नहीं जाता था लेकिन आज भारत और पाकिस्तान दोनों और से सैकड़ों सैनिक वहां हमेशा तैनात रहते हैं. भारत ने अब लैंगिक बाधाओं को भी तोड़ दिया है और साल 2023 की शुरुआत में पहली बार एक महिला अधिकारी को तैनात किया है. 2 जनवरी को कैप्टन शिवा चौहान ने सियाचिन ग्लेशियर में एक बेहद खतरनाक चढ़ाई के बाद अपनी पोस्ट पर काम शुरू कर दिया.
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कौन हैं कैप्टन शिवा चौहान?
कैप्टन शिवा राजस्थान के जयपुर की रहने वाली हैं. इंजीनियरिंग डिग्री हासिल कर चुकी कैप्टन शिवा को सेना में भी इंजीनियरिंग का ही काम मिला है. शिवा चौहान ने सेना की ट्रेनिंग की पूरी करने के बाद मई 2021 ही में इंडियन आर्मी की इंजीनियर रेजिमेंट ज्वाइन की थी. इससे पहले उन्होंने कारगिल विजय दिवस पर 508 किलोमीटर की सुरा सोई साइकिल अभियान की अगुवाई की थी. शिवा चौहान जब सिर्फ़ 11 साल की थीं तब ही उनके पिता का निधन हो गया था. मां ने शिवा के सपनों को पूरा करने में भरपूर साथ दिया और आज वह देश की सुरक्षा में सबसे आगे खड़ी हैं.
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सियाचिन में क्या काम करेंगी शिवा चौहान?
साल भर बर्फ से ढके रहने वाले सियाचिन ग्लेशियर में दुश्मन से ज्यादा खतरा मौसम से है. शिवा चौहान जिस इंजीनियर रेजीमेंट का हिस्सा बनी हैं, उसका काम देश की सेनाओं के लिए बंकर, घर, कैंप साइट और बाकी चीजें तैयार करना है. सियाचिन में दुश्मन के हमलों से बचने और उसपर हमला करने के लिए ज़रूरी मोर्चों और बंकरों को बनाने का काम कैप्टन शिवा चौहान को मिला है. इसके अलावा बर्फीले तूफ़ानों और भयंकर सर्दी में सैनिकों के रहने के लिए ज़रूरी इंतज़ाम तैयार रखने का काम भी इन्हीं को संभालना होगा.
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