डीएनए हिंदी: मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी भारत आ गए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अहम द्विपक्षीय बैठक की. वह गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि हैं. वह मिस्र के पहले राष्ट्रपति हैं, जिन्हें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनने का आमंत्रण दिया गया है. उनके साथ मिस्र की सेना की एक टुकड़ी भी गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेगी. उनका भारत में आना भारत के विरोधी खाड़ी देशों और पाकिस्तान को रास नहीं आने वाला है.
उनकी भारत में मौजूदगी पाकिस्तान और इस्लामिक सहयोग संगटन (OIC) को रास नहीं आने वाली है. इन देशों ने भारत के समर्थन में कभी कुछ नहीं कहा लेकिन विरोध में हमेशा साजिश रचते आए हैं. मिस्र उन देशों में शुमार है जो अरब देशों में भारत का मजबूत साझेदार है और लीग ऑफ अरब नेशन में भारत के खिलाफ कभी नहीं जाता है. आइए जानते हैं कौन हैं अब्दुल फतह अल सीसी, कैसे वह दुनिया में अपने देश की छवि बदल रहे हैं और उन्हें भारत क्यों बुलाया गया है.
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कौन हैं अब्दुल फतह अल सीसी?
अब्दुल फतह अल सीसी का जन्म 19 नवंबर 1954 को काहिरा के गामलेया क्षेत्र में हुआ था. राजनीति में उतरने के बाद से ही उनकी गिनती मिस्र के एक प्रभावशाली नेता के तौर पर होने लगी थी. राष्ट्रपति बनने से पहले सिसी मिस्र के सेना प्रमुख थे, जिन्होंने जुलाई 2013 में राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को अपदस्थ कर दिया था. एक साल बाद वे खुद मिस्र के राष्ट्रपति बने. 2014 में वह मिस्र के राष्ट्रपति बने थे. साल 2018 में उन्होंने दोबारा सत्ता हासिल कर ली. इससे पहले 2013 और 2014 में वह मिस्र के डिप्टी प्रधानमंत्री के रूप में काम कर चुके थे. 2012-13 में मिस्र के रक्षामंत्री थे.
अब्दुल फतह अल सीसी ने साल 1977 में मिस्र की मिलिस्ट्री एकेडमी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी और सेना में शामिल हो गए थे. उन्होंने ब्रिटेन के स्टाफ कॉलेज में पढ़ाई की है. साल 2005 में उन्होंने पेंसिल्वेनिया के आर्मी कॉलेज से मास्टर डिग्री भी हासिल की है.
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कैसे दुनिया में बदल रहे हैं मिस्र की छवि?
दुनियाभर में खाड़ी देशों की छवि कट्टरपंथी देश के तौर पर है. मिस्र में वह प्रगतिशील सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं. भारत के खिलाफ पाकिस्तान और OIC की तरफ से कई दुष्प्रचार किए गए, जिसका साथ मिस्र ने कभी नहीं दिया. वैश्विक मंचों पर भी मिस्र लगातार भारत का साथ दे रहा है. मिस्र भारत का मजबूत साझेदार बन रहा है. भारत और मिस्र के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. वह साल 2015 में भारत आ चुके हैं. 10 साल पहले जहां मिस्र में इस्लामिक कट्टरपंथ हावी हो रहा था, उसे काफी हद तक कम करने में राष्ट्रपति अब्दुल फतह कामयाब हुए हैं.
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