ट्रेन में किसे होता है व‍िंडो सीट पर बैठने का अधिकार, Indian Railways से जुड़े ये नियम जानते हैं आप?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 09, 2022, 04:00 PM IST

स्‍लीपर और एसी कोच में पैसेंजर अपने ह‍िसाब से कहीं भी बैठ सकते हैं. रेलवे की तरफ से इन कोच में व‍िंडो सीट पर बैठने का कोई खास न‍ियम तय नहीं है. 

डीएनए हिंदी: भारतीय रेलवे (Indian Railways) के जरिए सफर करने वालों की संख्या हर रोज करोड़ों में होती है. ऐसे में अपनी पसंद की सीट लेने को लेकर लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना भी करना पड़ाता है. अगर आप भी ट्रेन में सफर करते हैं तो आपको रेलवे से जुड़े न‍ियमों के बारे में जानकारी होनी चाह‍िए. अक्सर लोगों को सफर के दौरान चक्कर, घबराहट, जी मचलने या उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं. इसे मोशन सिकनेस (Motion Sickness) कहते हैं. इससे बचने के लिए ज्यादातर लोग विंडो सीट पर बैठने की कोशिश में रहते हैं. अब गाड़ी या प्लेन तो ठीक है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है क‍ि ट्रेन में व‍िंडो सीट पर बैठने का हक क‍िसके पास होता है? अगर नहीं तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं. 

क्या कहते हैं नियम?
आपने अक्सर देखा होगा कि स्‍लीपर और एसी कोच की व‍िंडो सीट के बारे में ट‍िकट पर किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं लिखी होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन कोच में पूरी लोअर सीट पर ही व‍िंडो होती है. ऐसे में यह म्‍युचुअली तय होता है क‍ि कौन कहां बैठेगा. यानी स्‍लीपर और एसी कोच में पैसेंजर अपने ह‍िसाब से कहीं भी बैठ सकते हैं. रेलवे की तरफ से इन कोच में व‍िंडो सीट पर बैठने का कोई खास न‍ियम तय नहीं है. 

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किसे मिलती है लोअर बर्थ?
अब बात आती है लोअर बर्थ की तो आपको बता दें कि इंडियन रेलवे की तरफ से ट्रेनों में सफर करने के दौरान सीनियर सिटिजंस को लोअर बर्थ की प्राथमिकता दी जाती है. हालांकि, कई बार ऐसा देखने को मिलता है जब टिकट बुकिंग के दौरान काफी आग्रह करने के बाद भी सीनियर सिटिजंस को लोअर बर्थ नहीं मिल पाता है. इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि, अब उन्हें ऐसी परेशानी नहीं होगी. इंडियन रेलवे ने खुद बताया है कि उन्हें कन्फर्म लोअर बर्थ कैसे मिलेगी.

IRCTC के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिक के लिए लोअर बर्थ कोटा केवल 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए होता है. 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं के लिए भी लोअर बर्थ निर्धारित है. मगर यह उस स्थिति में होता है, जब अकेले या दो यात्री साथ यात्रा करते हैं. मतलब नियमों के तहत एक टिकट पर यात्रा करते हैं. यदि दो से अधिक वरिष्ठ नागरिक या एक वरिष्ठ नागरिक और अन्य यात्री वरिष्ठ नागरिक नहीं हैं तो इस नियम के तहत नीचे की सीटें आवंटित नहीं की जाती हैं.

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रेलवे वरिष्ठ यात्रियों की संख्या के आधार पर सीटों का आवंटन करता है. इसलिए अगर अब आप टिकट की बुकिंग करते वक्त इन नियमों का ध्यान रखेंगे तो आपको आसानी से मनचाही सीट मिल जाएगी.
 

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