कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को चिट्ठी लिखकर एक बड़ा आरोप लगाया है. खड़ने ने पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि CPWD, CISF और Tata Projects के अधिकारी उन्हें सूचित किए बिना संसद में उनके कमरे में प्रवेश कर रहे हैं.
विशेषाधिकारों का उल्लंघन-खड़गे
उन्होंने गुरुवार को भेजे पत्र में लिखा, 'यह एक असाधारण घटनाक्रम है और यह नियमों और एक सांसद तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में मेरे विशेषाधिकारों का घोर उल्लंघन है, जिस हैसियत से मुझे यह चैंबर आवंटित किया गया है.' खड़गे ने कहा कि ये 'घुसपैठ' निंदनीय और अस्वीकरणीय है. खड़गे ने पत्र में लिखा कि मैं जानना चाहता हूं कि किसके आदेश पर ये मेरे चैंबर में घुसे.
CISF ने इस मामले पर कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन मामले से रूबरू अधिकारियों ने कहा कि जब भी कोई नवीनीकरण/निर्माण कार्य होता है तो सीआईएसएफ के जवान प्रोटोकॉल के तहत अन्य एजेंसियों के साथ संसद के भीतर मौजूद रहते हैं.
कोई गड़बड़ी तो नहीं...
HT पर छपी खबर के मुताबिक, मामले से अवगत एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न कार्यालयों में कुछ रखरखाव का काम चल रहा था. कार्यालयों की चाबियां सीआईएसएफ के पास नहीं हैं. सीआईएसएफ केवल संसद की सुरक्षा के लिए मौजूद है. रखरखाव के काम के बारे में बल को सूचित किया गया था, इसलिए वे अधिकारियों के साथ विभिन्न कार्यालयों में गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई गड़बड़ी न हो.'
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खड़गे ने अपनी चिट्ठी में यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे कि विपक्ष के नेता की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों.
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