National Science Day: जानें क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और क्या है इस साल की थीम

Written By पुनीत जैन | Updated: Feb 28, 2024, 12:39 PM IST

National Science Day

28 जनवरी 1928 में सीवी रमन ने रमन प्रभाव की खोज की जिसे याद रखने के लिए हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है.

हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवर को मनाया जाता है. क्या आप जानते हैं कि हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है, अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं.

नोबेल पुरस्कार विजेता सीवी रमन ने 28 जनवरी 1928 में रमन प्रभाव की खोज की थी, उनके इस आविष्कार को याद रखने के लिए हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है. उनकी इस महत्‍वपूर्ण खोज के लिए 1930 में उन्हें भौतिकी के नोबेल पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया.
 
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन देश में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें वैज्ञानिकों को उनकी खोज के लिए सम्मानित भी किया जाता है. इस दिन का मुख्य उद्देश्य युवाओं और लोगों को विज्ञान और वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति जागरुक करना है.

हर साल सरकार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के लिए एक थीम चुनती है. कुछ दिनों पहले केंद्रीय विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस थीम का आधिकारिक नाम बताया था. उन्होंने इस थीम का नाम 'विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक' रखी थी. 


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कौन थे सीवी रमन
सीवी रमन का पूरा नाम चंद्रशेखर वेंकट रमन है. उनका जन्म 7 नवंबर 1888 में तमिलनाडु के तिरुचिलापल्ली में हुआ था. उन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा विशाखापट्टनम के सेंट एलॉयसिस एंगलो-इंडियन हाईस्कूल और मद्रास के प्रेसीडेन्सी कॉलेज से हासिल की.

1907-1933 के बीच उन्होंने कोलकाता में इंडियाना एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस में काम किया और फिजिक्स से संबंधित कई मुद्दों पर रिसर्च की. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने बेंगुलुरु में रमन रिसर्च इंस्टीटयूट की स्थापना की.

साल 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान भारत रत्‍न से नवाजा. 21 नवंबर, 1970 को उनका निधन हो गया.


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क्या होता है रमन इफेक्ट
एक बार रमव जब लंदन से वापस आ रहे थे, तो समुद्र का नीला जल देखकर उनके मन में जिज्ञासा पैदा हुई कि जल नीला क्यों है. भारत लौटकर उन्होंने उस पर रिसर्च की. पारदर्शी पदार्थ से गुजरने पर प्रकाश की किरणों में आने वाले बदलाव पर की गई उनकी इस महत्‍वपूर्ण खोज को रमन प्रभाव (रमन इफेक्ट) नाम से जाना जाता है. उनकी इस खोज का उपयोग आज दुनिया भर में किया जाता है.

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