डीएनए हिंदी: जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री लाल सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले उनके घर पर ईडी ने छापेमारी की थी. लाल सिंह कठुआ रेप केस के बाद चर्चा में आए थे जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस्तीफा दे दिया था और खुद की पार्टी बना ली थी. लाल सिंह की गिरफ्तारी से कुछ घंटों पहले ही एक भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
अधिकारियों ने बताया केंद्रीय एजेंसी की ओर से लाल सिंह की पत्नी और पूर्व विधायक कांता अंदोत्रा द्वारा संचालित एक शैक्षिणक न्यास के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामले में जांच की जा रही है. एक अधिकारी ने बताया कि डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी (डीएसएसपी) के अध्यक्ष लाल सिंह को शाम को शहर के बाहरी इलाके में सैनिक कॉलोनी के चावड़ी इलाके में एक घर से गिरफ्तार किया गया. एक अधिकारी ने यह भी बताया कि पूर्व मंत्री ने ईडी को चकमा देने और गिरफ्तारी से बचने की पूरी कोशिश की.
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लाल सिंह की गिरफ्तारी की खबर फैलने के बाद, अंदोत्रा के नेतृत्व में उनके समर्थकों का एक समूह नरवाल में ईडी कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुआ और अंदर जाने की कोशिश करने लगा लेकिन केंन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने उन्हें रोक दिया. अंदोत्रा अपने पति से मिलने की इजाजत मांगते हुए रोने लगीं. अधिकारियों ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल को मौके पर भेजा गया है.
कौन हैं लाल सिंह?
दो बार सांसद और तीन बार विधायक रहे सिंह 2014 में कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए थे. वह जम्मू-कश्मीर में पिछली पीडीपी-बीजेपी सरकार में मंत्री भी रहे थे. यह सरकार जून 2018 में बीजेपी के गठबंधन से बाहर होने के बाद गिर गई थी. सरकार गिरने से कई महीने पहले, कठुआ में जनवरी 2018 में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले के आरोपियों के समर्थन में आयोजित एक रैली में उनकी भागीदारी पर हंगामे के बाद लाल सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था और डीएसएसपी का गठन किया.
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हालांकि, उन्होंने बाद में यह कहा था कि वह स्थिति को शांत करने के लिए रैली में गए थे. इससे पहले दिन में, लाल सिंह की अग्रिम जमानत याचिका जम्मू में भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने खारिज कर दी. उनकी पत्नी अंदोत्रा और उनकी बेटी क्रांति सिंह को राहत मिल गई और अदालत ने जांच एजेंसी से सहयोग करने का निर्देश देने के साथ अंतरिम जमानत की मियाद 30 नवंबर तक बढ़ा दी.
विशेष न्यायाधीश बाला ज्योति ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अश्विनी खजुरिया और याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश राजेश कोतवाल की दलीलों को सुनने के बाद तीन अलग-अलग आदेश पारित किए. पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने जम्मू और आसपास के इलाकों में अंदोत्रा के शैक्षणिक न्यास और एक पूर्व सरकारी अधिकारी के खिलाफ दर्ज धनशोधन के मामले में छापेमारी की कार्रवाई की थी. ईडी ने यह मामला न्यास के लिए जमीन खरीद में हुई कथित अनियमितता के आधार पर दर्ज किया है. ईडी आरबी एजुकेशनल ट्रस्ट और उसके अध्यक्ष एवं पूर्व राजस्व अधिकारी रवींद्र एस. के खिलाफ दर्ज मामले में 17 अक्टूबर को जम्मू, कठुआ और पंजाब के पठानकोट स्थित आठ परिसरों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी.
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