कौन है ललित झा,जिसने संसद में घुसपैठ की रची साजिश, एक वीडियो से खुली पोल

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 14, 2023, 07:12 PM IST

lalit jha mastermind of Parliament Security Breach

Parliament Security Breach: पुलिस को जांच में पता चला कि ललित झा ने ही संसद में घुसपैठ करने के लिए 13 दिसंबर की तारीख तय की थी. इसके लिए उसने गुरुग्राम में मीटिंग बुलाई थी.

डीएनए हिंदी: संसद भवन में घुसपैठ (Parliament Security Breach) करने के मामले में अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि इस साजिश का मास्टरमाइंड और छठा आरोपी ललित झा अभी भी फरार है. पुलिस ललित झा (Lalit Jha) की तलाश में छापेमारी कर रही है. गुरुवार को उसकी लोकेशन राजस्थान के नीमराना में पाई गई थी. लेकिन स्पेशल सेल के पहुंचने से पहले वह वहां से फरार हो गया. ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले के पीछे बड़ी साजिश है, जिसका खुलासा ललित झा के पकड़े जाने के बाद ही होगा.

कौन है ललित झा?
ललित झा कोलकाता का निवासी है. वह पेशे से शिक्षक है और एक एनजीओ से जुड़ा हुआ है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पश्चिम बंगाल के इस एनजीओ पड़ताल शुरू कर दी है. ललित इस NGO में जनरल सेक्रेटरी है. पुलिस ने बयाया कि संसद भवन की सुरक्षा में सेंधमारी करने में वह मुख्य साजिश कर्ता है. ललित और अन्य आरोपी क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह से प्रभावित थे. वह ऐसा काम करना चाहते थे, जिससे पूरा देश का ध्यान उनपर जाए.

ललित झा ने कलर अटैक का वीडियो किया पोस्ट
पुलिस अधिकारी का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियों को फिलहाल इन लोगों का किसी आतंकी संगठन से संबंध होने का सबूत नहीं मिला है लेकिन जांच जारी है. उन्होंने कहा कि ये सभी 6 लोग सोशल मीडिया फेसबुक के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में आए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, ललित झा ने ही संसद में घुसपैठ करने के लिए 13 दिसंबर की तारीख तय की थी. इसके लिए उसने गुरुग्राम में मीटिंग बुलाई थी. ललित झा ने ही कलर अटैक का वीडियो मोबाइल में शूट कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया.

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पुलिस को जांच में पता चला है कि संसद में घुसपैठ के बाद ललित झा ने अपने करीबी और एनजीओ पार्टनर को कॉल किया था. उन्हें 13 दिसंबर दोपहर करीब 1 बजे व्हाट्सएप पर संसद हमले का वीडियो भेजा था. 

आरोपियों की 7 दिन की रिमांड
दिल्ली की एक अदालत ने संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में गिरफ्तार 4 आरोपियों को गुरुवार को 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया. पुलिस ने आरोपियों-मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे और नीलम देवी- को एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) मामलों की विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर की विशेष अदालत में पेश किया. पुलिस ने अदालत से आरोपियों को 15 दिन की हिरासत में भेजने का अनुरोध किया, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके. अदालत ने आरोपियों को 7 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया.

आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के अलावा आतंकवाद-रोधी कानून गैर कानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए गए हैं. संसद पर 2001 में हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में सेंध लगाने की यह घटना हुई. बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और कलर केन के जरिए पीले रंग का धुआं फैला दिया. घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया. इस घटना के कुछ देर बाद, पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली 'केन' लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया. इस घटना में कुल 6 लोग शामिल थे.

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