जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शनिवार को भारतीय वायुसेना (IAF) के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में सेना का एक जवान शहीद हो गया, जबकि चार अन्य सैनिक घायल हो गए थे. बताया जा रहा है कि इस हमले की साजिश साजिद जट्ट ने रची थी. वह इस अटैक का मास्टमाइंड था. उसने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के 4 आतंकियों को ट्रेनिंग देकर हमले के लिए भेजा था.
भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट कर बताया कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शाहसितार के पास आतंकवादियों ने भारतीय वायुसेना के काफिले पर हमला किया था. स्थानीय सैन्य इकाइयों द्वारा क्षेत्र में फिलहाल घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाई जा रही है. एयरफोर्स मामले की जांच जारी होने की भी बात कही है. भारतीय वायसुना ने एक और पोस्ट कर कहा, ‘आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में जवानों ने जवाबी फायरिंग करके लड़ाई लड़ी. इस प्रक्रिया में पांच IAF कर्मियों को गोली लग गई और उन्हें तत्काल चिकित्सा के लिए नजदीकी सैन्य अस्पताल ले जाया गया. एयरफोर्स के एक जवान की मौत हो गई है.’
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार शाम पुंछ के सुरनकोट इलाके में सनाई टॉप की ओर जा रहे भारतीय वायुसेना के वाहनों पर 4 आतंककियों ने अचानक घात लगाकर गोलीबारी शुरू कर दी. जिसमें पांच सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर थी. उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल सैनिकों में से एक विक्की पहाड़े ने बाद में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. भारतीय वायुसेना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘काफिले को सुरक्षित कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है.’
वायुसेना ने हमला उस वक्त हुए जब जवान जारनवाली से वायुसेना के अड्डे पर लौट रहे थे. अधिकारियों को संदेह है कि इस हमले के पीछे साजिद जट्ट ग्रुप है. वह पहले भी ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है. पिछले साल 21 दिसंबर को पास के बुफलियाज में सैनिकों पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें चार सैनिक शहीद हो गए थे और तीन अन्य घायल हो गए थे.
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कौन है साजिद जट्ट?
पाकिस्तान के पंजाब में कसूर जिले का रहने वाला साजिद जट्ट लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेशनल कमांडर है. वह जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता है. दक्षिण कश्मीर में आतंकियों को भर्ती करना, हथियार, तस्करी और आतंकी गतिविधि के लिए पैसे मुहैया कराना उसकी जिम्मेदारी है.
घाटी में पिछले कुछ सालों में हुए हमलों में साजिद भट्ट का हाथ रहा है. वह कश्मीर में आतंकवादी कैडर के लिए जम्मू क्षेत्र में हथियार और गोल-बारूद उपलब्ध कराता है. भट्ट राजौरी में सुरक्षाबलों पर किए गए हमला का भी सस्पेक्ट है.
आतंकी फिर हुए एक्टिव?
जम्मू-कश्मीर के राजौरी के साथ सीमावर्ती पुंछ जिले में पिछले दो सालों में कुछ बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं जो इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों की वापसी का संकेत हैं, जबकि एक बार इस क्षेत्र को आतंकवाद से मुक्त कर दिया गया था और 2003 से 2021 के बीच यहां शांति थी. बता दें कि अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में 25 मई को मतदान होने वाला है. उससे पहले आतंकियों की गतिविधियां तेज होने लगी हैं.
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