कौन हैं Vijaya Kishore Rahatkar, जिन्हें बनाया गया राष्ट्रीय महिला आयोग का नया प्रमुख

Written By मीना प्रजापति | Updated: Oct 19, 2024, 04:23 PM IST

राष्ट्रीय महिला आयोग का नया अध्यक्ष अब विजया किशोर रहाटकर को बनाया गया है. शनिवार को केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया.

नरेन्द्र मोदी सरकार ने शनिवार को विजया किशोर रहाटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है. महिला आयोग ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'एनसीडब्ल्यू को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि एनसीडब्ल्यू अधिनियम, 1990 की धारा 3 के अनुसरण में, केंद्र सरकार ने श्रीमती विजया किशोर रहाटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में नामित किया है.'

राहटकर का कार्यकाल तुरंत शुरू हो जाएगा. इसकी घोषणा भारत के राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी. राहटकर की नियुक्ति के अलावा सरकार ने NCW में नए सदस्यों की भी नियुक्ति की है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार डॉ. अर्चना मजूमदार को आधिकारिक तौर पर तीन साल के कार्यकाल के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) का सदस्य नियुक्त किया गया है. 

किए कई कारनामे
राहटकर ने अपनी क्षमता का लोहा कई राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए मनवाया है. उनकी लपीडरशिप का कौशल देखने को मिला है. महाराष्ट्र स्टेट कमिशन फॉर वुमन (2016-2017) की चेयरपरसन कार्यकाल के दौरान उन्होंने 'सक्षम' (एसिड अटैक पीड़ितों को समर्थन) 'प्रज्वला' (केंद्र सरकार से स्वयं सहायता समूहों को जोड़ने की योजना) और 'सुहिता' (24x7 महिला सेवा हेल्पलाइन) जैसी पहलों का नेतृत्व किया. इसके अलावा उन्होंने पोक्सो, एंटी ट्रिपल तलाक सेल, और एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स जैसे मुद्दों पर ध्यान देते हुए कानूनी सुधारों पर काम किया.

उन्होंने डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम शुरू किए और महिलाओं के मुद्दों को समर्पित 'साद' (Saad) नामक एक प्रकाशन शुरू किया. 2007 से 2010 तक छत्रपति संभाजीनगर की मेयर के रूप में राहटकर ने स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढांचे से संबंधित महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं को लागू किया.


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राहटकर की पढ़ाई-लिखाई
राहटकर के पास पुणे विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की डिग्री और इतिहास में मास्टर डिग्री है. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें 'विधिलिखित' (महिलाओं के कानूनी मुद्दों पर) और 'औरंगाबाद: लीडिंग टू वाइड रोड्स' शामिल हैं. महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान ने उन्हें राष्ट्रीय कानून पुरस्कार और राष्ट्रीय साहित्यिक परिषद से सावित्रीबाई फुले पुरस्कार प्राप्त हुए हैं.

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