डीएनए हिंदी: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए साकेत मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है. राजभवन भेजे गए 6 नामों में पूर्व आईपीएस अधिकारी साकेत मिश्रा का भी नाम है. साकेत की चर्चा इसलिए हो रही है कि वह पीएम मोदी के सेक्रेटरी रहे नृपेंद्र मिश्र के बेटे हैं. नृपेंद्र मिश्र इन दिनों श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ काम कर रहे हैं. राम मंदिर के निर्माण कार्य की डेली अपडेट से लेकर काम की रफ्तार देखने का काम नृपेंद्र मिश्र के ही जिम्मे है.
इससे पहले यूपी में पूर्व आईपीएस असीम अरुण, ईडी के अधिकारी रहे राजेश्वर सिंह और एके शर्मा जैसे पूर्व अधिकारी सरकार में शामिल हैं. इसी की तरह मोदी सरकार में भी डॉ. एस जयशंकर और हरदीप सिंह पुरी जैसे पूर्व अधिकारी अहम भूमिका निभा रहे हैं. अब साकेत मिश्रा की एंट्री को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. साकेत मिश्रा कई अंतरराष्ट्रीय बैंकों के लिए भी काम कर चुके हैं.
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कौन हैं साकेत मिश्रा?
नृपेंद्र मिश्र के बेटे साकेत मिश्रा 1994 में यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईपीएस अधिकारी बने थे. हालांकि, उन्होंने कुछ ही सालों में सर्विस छोड़ दी और प्राइवेट नौकरी करने चले गए. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा थी कि उन्हें श्रावस्ती लोकसभा सीट से टिकट दिया जा सकता है. हालांकि, उन्हें टिकट नहीं मिला. अब बीजेपी उन्हें विधान परिषद भेज रही है.
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साकेत ने दिल्ली के सेंट स्टीफेन कॉलेज के बाद आईआईएम कलकत्ता से पढ़ाई की है. आईपीएस छोड़ने के बाद उन्होंने जर्मनी के ड्यूस बैंक में नौकरी की. 2019 में वह नौकरी छोड़कर सामाजिक कार्य में उतर गए. 2019 से पहले वह चुनाव की तैयारी भी कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने 100 से ज्यादा सभाएं भी कर डाली थीं लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया.
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