डीएनए हिंदी: नेशनल हेराल्ड (National Herald) मामले में पूछताछ के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बुलाने और चार दिन से पूछताछ करने के लिए बुलाने पर चलते प्रवर्तन निदेशालय चर्चा में हैं. ईडी (ED) और राहुल गांधी के अलावा एक और शख्स है जो इस मामले को लेकर चर्चा में रहा है और यह शख्स कोई और नहीं बल्कि प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा (Sanjay Kumar Mishra) हैं.
ईडी ने राहुल गांधी से लगातार तीन दिनों तक पूछताछ की है और शुक्रवार को चौथी बार उन्हें बुलाया जाएगा. नेशनल हेराल्ड मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के नेतृत्व में हो रही है. अब सवाल उठता है कि आखिर यह संजयर कुमार कौन हैं.
कौन हैं अधिकारी संजय कुमार
संजय कुमार मिश्रा 1984 बैच के अधिकारी हैं. प्रवर्तन निदेशक संजय कुमार मिश्रा को 2019 में उनके अच्छे काम के लिए सेवा का विस्तार मिला है. वह 16 नवंबर, 2021 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से सेवानिवृत्त होने वाले थे. ईडी के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी निदेशक ने उनकी सेवा के कार्यकाल (दो वर्ष) के बाद एक अतिरिक्त विस्तार मिला और अब वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं.
आपको बता दें कि ईडी निदेशक और सीबीआई निदेशक का कार्यकाल दो साल के लिए तय किया गया था लेकिन अब इसे बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है. संजय कुमार मिश्रा नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा प्रख्यापित एक विवादास्पद अध्यादेश के पहले लाभार्थी बने, जो एजेंसी के निदेशक के कार्यकाल के विस्तार के लिए प्रदान किया गया था.
समाप्त होने वाला था कार्यकाल
मिश्रा को शुरू में 19 नवंबर, 2018 को दो साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था लेकिन 2020 में उनका कार्यकाल समाप्त होने से कुछ दिन पहले सरकार ने अपने नियुक्ति आदेश को दो साल से तीन साल कर दिया. इसका मतलब था कि वह नवंबर 2021 में पद छोड़ देंगे लेकिन फिर से एक नए आदेश के साथ उन्हें एक और साल का विस्तार मिला.
संजय कुमार मिश्रा 1984-बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) आयकर कैडर के अधिकारी हैं. संजय कुमार मिश्रा कम उम्र में ही आईआरएस ऑफिसर बन गए थे. आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में जाने जाने वाले संजय मिश्रा कई महत्वपूर्ण और बड़े मामलों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करते हैं जिससे जांच एजेंसी को काफी सफलता मिली है.
आईआरएस से सचिव स्तर के अधिकारी तक का सफर
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले संजय कुमार मिश्रा ने आयकर में कई उच्च स्तरीय मामलों की शानदार ढंग से जांच की और उन्हें अंतिम चरण में ले गए. इसी कारण 19 नवंबर 2018 को उनकी पदस्थापना प्रवर्तन निदेशालय में प्रधान विशेष निदेशक के पद पर किया गया. कुछ दिनों बाद उन्हें ईडी निदेशक के रूप में नियुक्त करने के लिए एक औपचारिक अधिसूचना जारी की गई है.
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क्यों बढ़ाया गया है कार्यकाल
देश की सबसे महत्वपूर्ण जांच एजेंसी होने के नाते ईडी निदेशक, सीबीआई निदेशक का कार्यकाल दो वर्ष का होता है. वर्षों से यह तर्क दिया जाता रहा है कि प्रमुखों के बार-बार परिवर्तन से जांच के बड़े और महत्वपूर्ण मुद्दे प्रभावित नहीं होने चाहिए और इसके चलते अदालत में इस बात पर भी चर्चा हुई कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक का कार्यकाल कम से कम पांच साल का होना चाहिए.
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